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पहली बार: इस जिले में बेटियों के नाम होंगे घर, जाने वजह

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र पौड़ी गढ़वाल जिले के मकानों के बाहर लगी नेम प्लेट इस समय लोगों के लिए...
पहली बार: इस जिले में बेटियों के नाम होंगे घर, जाने वजह

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र पौड़ी गढ़वाल जिले के मकानों के बाहर लगी नेम प्लेट इस समय लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी हुई है। आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि घर के बाहर हमेशा घर के मुखिया यानी पुरूष के नाम की ही नेम प्लेट लगी होती है। लेकिन पौड़ी गढ़वाल जिले के मथाना गांव के घर में बेटी के नाम की नेम प्लेट लगाई गई है।

अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ये अनोखी पहल जिला प्रशासन की ओर से लैंगिक अधिकारों और संपत्ति के स्वामित्व के प्रति जागरूकता लाने के लिए की गई है। जिला प्रशासन ने एक कार्यक्रम ‘घौर की पछयान’ के जरिए लोगों में चेतना लाने की कोशिश की है।

2011 की जनगणना के मुताबिक, उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में 1,000 पुरुषों पर 1,103 महिलाएं हैं, हालांकि 0-6 साल के बच्चों के लिंग अनुपात में लिंग भेदभाव के चिंताजनक संकेत मिलते हैं। आंकड़ों के अनुसार, यहां 904 लड़कियों पर 963 लड़के हैं।

मथाना गाँव में एक मंजिला घर के बाहर की नेमप्लेट में  'आरती निवास' लिखा हुआ है। आरती की मां शोभा का कहना है कि जब प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें कार्यक्रम के बारे में बताया, तो उन्हें अपने तीन बच्चों में से दूसरे के नाम का प्रस्ताव करने में कोई हिचकिचाहट नहीं हुई। शोभा कहती हैं, "जब प्रशासन ने हमें नेमप्लेट दी, तो आरती इतनी खुश थी कि उसने दीवार पर एक कील गाड़ दी और खुद के नाम को लटका दिया।"

जिला प्रशासन ने अपने कार्यक्रम के अंतर्गत अब तक खिरसू, पौड़ी और यमकेश्वर ब्लॉक के तीन गांवों के तकरीबन 150 से अधिक घरों में नेम प्लेट लगाने के लिए दिए हैं। जिला मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) आशीष भटगैन ने कहा कि यह कार्यक्रम केंद्र के ‘बेटी बचाओ बेटी पढाओ’ कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया है।

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