पिछले दो महीने से अधिक समय से वन रैंक, वन पेंशन की मांग को लेकर धरने पर बैठे पूर्व सैनिकों को आज केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह की बेटी मृणालिनी सिंह का समर्थन हासिल हुआ। आज सुबह मृणालिनी जंतर-मंतर पहुंची और पूर्व सैनिकों के धरने में शामिल हुईं। उन्होेंने पूर्व सैनिकों के प्रदर्शन का न केवल समर्थन दिया बल्कि उनकी मांगों को जायज भी ठहराया। गौरतलब है कि पूर्व सैनिक मोदी सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप लगा रहे हैं और पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह इसी सरकार में मंत्री हैं।
धरने में शामिल होने पहुंची मृणालिनी सिंह ने कहा, ”यह मामला कई वर्षों से लंबित है। मैं यहां एक पूर्व सैनिक की बेटी के तौर पर उनके समर्थन में आई हूं जिन्होंने देश की सेवा की लेकिन अब अपने अधिकार के लिए दो महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं।” हालांकि, इस मौके पर वह मोदी सरकार का बचाव भी करती नजर आईं। उन्होंने कहा कि वह जानती हैं, मोदी जी जो कहते हैं वो करते हैं, उन्हें पूरा यकीन है कि वन रैंक, वन पेंशन एक दिन सच्चाई बनेगी, कब बनेगी यह उन्हें नहीं पता।
यह पूछे जाने पर क्या उन्हें उनके पिता और मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री ने इस प्रदर्शन में शामिल होने की अनुमति दी है तो मृणालिनी ने कहा, मैंने उनसे इजाजत नहीं मांगी और न ही मुझे उनकी इजाजत की जरूरत है। मैं सीधे हिसार से यहां आई हूं क्योंकि मैं इस मकसद को महसूस करती हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी चुनावी रैलियों में वन रैंक, वन पैंशन को लागू करने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आए एक साल गुजर जाने के बाद भी सरकार इसे लागू नहीं कर पाई है। यहां पर उन्होंने पूर्व सैनिकों को संबोधित भी किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि मैं महसूस करती हैं कि वन रैंक वन पेंशन नीति जल्द से जल्द लागू की जानी चाहिए।