जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को खत्म करने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारुक अब्दु्ल्ला ने कहा कि वे मोदी सरकार के इस फैसले के खिलाफ अदालत की शरण में जाएंगे और इसके लिए संघर्ष करेंगे।
केंद्र सरकार द्वारा सोमवार लिए गए फैसले पर पहली प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा कि यह तानाशाही भरा और अलोकतांत्रिक फैसला है। सरकार ने सोमवार को न सिर्फ अनुच्छेद 370 हटाने बल्कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य बनाने की घोषणा की थी।
समस्या का समाधान शांति से करेंगे
श्रीनगर में टीवी चैनलों से बातचीत करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि जैसे ही दरवाजे खुलेंगे, हमारे लोग बाहर आएंगे, हम अदालत जाएंगे। हम बंदूक चलाने वाले, ग्रेनेड फेंकने और पत्थर फेंकने वाले नहीं हैं। हम शांतिपूर्ण तरीके से समस्याओं का समाधान निकालने में भरोसे करते हैं। 81 वर्षीय अब्दुल्ला ने भावुक होते हुए कहा कि वे हत्या करना चाहते हैं। हमारा सीमा तैयार है, फायर कीजिए, पीठ पर नहीं।
हम घर में नजरबंद, शाह ने झूठ बोला
उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस कथन का प्रतिवाद किया कि उन्हें नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है। शाह ने संसद में कहा कि अब्दुल्ला को न तो नजरबंद किया गया है और न ही गिरफ्तार किया गया है। वे अपनी मर्जी से अपने घर में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दरवाजे पर बड़ा सा ताला लगा है। उन्हें मीडिया से बात करने के लिए बाहर आना पड़ा। मैंने सुना है कि गृह मंत्री के कहा कि फारुक स्वतंत्र हैं और अपनी मर्जी से घर में हैं। लेकिन वास्तविकता यह नहीं है। गृह मंत्री झूठ कैसे बोल सकते हैं जबकि मेरे घर के बाहर डीएसपी तैनात है। कोई न तो अंदर आ सकता है और न बाहर जा सकता है। उन्हें दुख है कि देश का गृह मंत्री झूठ बोल रहा है।
क्षेत्र को बांट दिया, अब दिलों को बांटना चाहते हैं
नम आंखों के साथ अब्दुल्ला ने संवाददाताओं से कहा कि क्षेत्र बांटने के बाद अब क्या वे लोगों के दिल भी बांटना चाहते हैं। क्या वे एक ओर मुस्लमों और दूसरी ओर हिंदुओं और बौद्धों को रखना चाहते हैं। वे क्या चाहते हैं। क्या यही भारत है। मेरा भारत सभी के लिए है। उस प्रत्येक व्यक्ति के लिए जो धर्म निरपेक्ष राष्ट्र और एकता में विश्वास करता है।
तानाशाह सरकार ने हटाया अनुच्छेद 370
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए भारत सरकार की ओर से गारंटी देते हैं। इसे तानाशाही सरकार ने हटा है, न किसी किसी लोकतांत्रिक सरकार ने। गिरफ्तारियों पर उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं। किसी को भी बाहर या अंदर आने की अनुमति नहीं है। हम घर में नजरबंद हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ अपने पुत्र उमर अब्दुल्ला और एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की गिरफ्तारी की जानकारी है। यह भी उन्हें मीडिया के जरिये पता चला।