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नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक, नए खुलासों की उम्‍मीद

पश्चिम बंगाल सरकार ने आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी 64 फाइलों को उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में सार्वजनिक कर दिया है। इसके साथ ही उनकी मौत को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गई है। कहा जा रहा है कि सार्वजनिक हुई इन फाइलों से नेताजी के सन 1945 के बाद भी जिंदा होने के संकेत मिलते हैं।
नेताजी से जुड़ी 64 फाइलें सार्वजनिक, नए खुलासों की उम्‍मीद

नेताजी के परिवार के लोग अब तक गोपनीय रखी फाइलों को सार्वजनिक करने की लंबे समय से मांग करते रहे थे। नेताजी से संबंधित इन फाइलों को कोलकाता पुलिस संग्रहालय में शीशे के एक बक्से में प्रदर्शित किया गया है। इस दौरान कोलकाता पुलिस के आयुक्त सुरजीत कार पुरकायस्थ और नेताजी के परिवार के कुछ लोग मौजूद थे। कहा जा रहा है कि इन फाइलों के जरिये नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्‍यमय मौत की गुत्‍थी सुलझाने में मदद मिल सकती है। 

इन 64 फाइलों में से 55 कोलकाता पुलिस के पास और नौ अन्य राज्य पुलिस के पास थीं। इन फाइलों में कुल 12 हजार 744 पृष्ठ हैं। पुलिस आयुक्त ने नेताजी के परिवार के सदस्यों को एक डीवीडी सौंपी जिसमें ये फाइलें डिजिटल स्वरूप में हैं। पुरकायस्थ ने बताया, ‘ये फाइलें 1937 से 1947 के बीच की हैं। कुछ फाइलों में 300 पेज तक हैं। कुछ फाइलें ऐसी भी हैं जिसमें हाथ से लिखे नोट्स हैं।’ 

 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्‍सप्रेस  की खबर के अनुसार, सार्वजनिक हुई फाइलों से कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं, जिससे इस बात का अंदाज लगाया जा सकता है कि नेताजी सन 1964 तक जिंदा रहे थे। इन फाइलों में वह पत्र भी हैं जो नेताजी और उनके भाई शरत चंद्र बोस ने एक-दूसरे को लिखे। इन्‍हीं दस्‍तावेजों में एक अमेरिकी रिपोर्ट होने की बात भी कही जा रही है, जिसमें नेताजी के फरवरी 1964 में भारत लौटने का जिक्र है। अब तक दावा किया जाता रहा है कि सुभाष चंद्र बोस की मौत एक विमान हादसे में सन 1945 में हो गई थी। लेकिन इन दावों पर सवाल उठते रहे हैं। खबरों के मुताबिक, सार्वजनिक हुए दस्‍तावेजों के आधार पर अनुमान लगाया जा सकता है कि ब्रिटिश और अमेरिकी खुफिया एजेंसियां मानती थीं कि सुभाष चंद्र बोस 1945 के बाद जिंदा रहे और वह रूस या चीन में थे। 

 

स्‍वामी और ममता ने बनाया केंद्र पर दबाव 

इस बीच, भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने भी केंद्र सरकार पर नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। स्‍वामी ने कहा है कि केंद्र सरकार इस साल के अंत तक नेताजी से जुड़ी गोपनीय फाइलों को सार्वजनिक नहीं करती है तो वह इस मुद्दे पर अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उधर, पुलिस संग्रहालय का दौरा करने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, आज एक एेतिहासिक दिन है। हमारी सरकार ने नेताजी की सभी फाइलें सार्वजनिक कर दी हैं। लोगों को भारत के बहादुर बेटे के बारे में जानने का अधिकार है। बाद में उन्होंने कहा, हमने एक शुरूआत की है। लोगों को सच पता चलना चाहिए। केंद्र सरकार को भी नेताजी से जुड़ी फाइलें सार्वजनिक करनी चाहिएं। आप सच को दबा नहीं सकते। सच को बाहर आने दें।

 

- एजेंसी इनपुट 

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