गुरुवार को भी संसद की कार्यवाही विपक्ष के हंगामे की भेंट चढ़ गई। इस कारण क्रिकेट लीजेंड और राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर पहली बार सदन में भाषण देने से चूक गए। सचिन राज्यसभा में अपने पहले भाषण में राइट टू प्ले पर बोलने वाले थे। आइए जानते हैं कि राइट टू प्ले के तहत सचिन किन मुद्दों पर बात करना चाहते थे।
यह है सचिन का राइट टू प्ले
-तेंदुलकर का मानना है कि शिक्षा की तरह खेलों को भी स्कूलों में अनिवार्य किया जाना चाहिए। इसे एक सिलेबस के तौर पर लिया जाए। सभी तरह के आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर बच्चों के लिए उपलब्ध हो। इसे लेकर कई बार वह अपनी राय भी जाहिर कर चुके हैं।
-सचिन भारत में खेल और खिलाड़ियों के मद्देनजर व्यवस्था, ओलंपिक की तैयारियों पर भी बोलने वाले थे। उनका मानना है कि अगर सुविधाएं मिले तो भारतीय खिलाड़ी दुनियाभर में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
पीएम ने भी दिया था जोर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो महीने पहले ही बच्चों से अपील की थी कि वे खेलों और अन्य शारीरिक गतिविधियों में भाग लें। दरअसल, उन्होंने भारतीय बच्चों में मोटापा संबंधी मामलों की वृद्धि पर चिंता जाहिर की थी।