इस महीने 1 मई को कैश वैन पर हुए खूनी हमले से इसकी शुरूआत हुई, जिसमें आतंकियों ने 5 पुलिसकर्मियों और 2 बैंक सुरक्षा गार्डों की हत्या की। वहीं बुधवार को पुलवामा के आसपास के गांवों में 2 घंटे में 2 हमले कर गोलीबारी की गई।
माना जाता है कि घाटी में हथियार लूटने की बात नई नहीं है लेकिन बैंक लूटने की वारदात पिछले कुछ महीनों से ही बढ़ी है। जानकारों का मानना है कि बैंक डकैती की घटनाएं नोटबंदी के बाद ज्यादा देखी जा रही है। यह तथ्य है कि नोटबंदी के बाद कश्मीर घाटी में कम से कम 9 बैंक डकैतियों की जानकारी मिली है। जब केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1,000 रुपये नोटों को रद्द करने की घोषणा की थी। उसके बाद 21 नवंबर को बड़गाम जिले के एक बैंक से 14 लाख की लूट की गई थी। इसके बाद इस तरह की और भी बैंक डकैती को अंजाम दिया जाता रहा।
नोटबंदी के बाद नौ वारदात
21 नवंबर 2016: बड़गाम जिले में चरार-ए-शरीफ़ में एक बैंक से 14 लाख की लूट। चार कथित लश्कर कार्यकर्ताओं ने अंजाम दिया।
8 दिसंबर: चार संदिग्ध आतंकियों ने जम्मू और कश्मीर बैंक की एरिहल शाखा से 14 लाख रुपये की लूट की।
15 दिसंबर पुल्वामा के रतनिपोरा में करीब 10 लाख रुपये की लूटपाट की गई।
16 फरवरी, 2017: चार हथियारबंद लोगों ने शोपियांन के तुर्कवांगन में जम्मू-कश्मीर बैंक से तीन लाख रूपये की लूट की।
1 9 अप्रैल: जम्मू और कश्मीर बैंक के हरमन शाखा को टार्गेट किया और 5 लाख रुपये लूट लिया गया।
21 अप्रैल: अज्ञात व्यक्ति अनंतनाग जिले में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एटीएम उठा ले गया।
1 मई: एक जम्मू-कश्मीर के बैंक नकद वैन पर हमला करने के बाद बैंक के पांच पुलिसकर्मी और दो सुरक्षा गार्ड मार दिए गए।
2 मई: बंदूकधारियों ने कुलगाम के एक बैंक में सेंध लगाई और 65,000 रुपये ले गए।
3 मई: तीन संदिग्ध आतंकवादियों ने वाइबग के ईडीबी शाखा में घुसकर 5 लाख रुपये ले गए। उसी दिन, 1.33 लाख रुपये जम्मू एवं कश्मीर बैंक शाखा से लूट लिया गया। उसके एक दिन के बाद आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर बैंक के कैश वैन पर हमला किया और पांच पुलिसकर्मियों और दो बैंक गवाहों को मार गिराया।
दक्षिणी कश्मीर के चार जिले सबसे ज्यादा प्रभावित
दक्षिणी कश्मीर के 4 जिले जिसमें पुलवामा, अनंतनाग, शोपियां और कुलगाम में आतंकवादियों की स्थिति बाकी इलाकों की तुलना में ज्यादा मजबूत है। माना जाता है कि इन चारों जिलों में आतंकियों को बहुत हद तक जनता का भी समर्थन मिलता है। बैंक लूटने और पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने की सबसे ज्यादा घटनाएं इन्हीं चारों जिलों में हुई हैं।
कैश की किल्लत दूर करने की कोशिश
इस मसले पर जम्मू-कश्मीर पुलिस का कहना है कि बैंको को टार्गेट कर आतंकी अपनी धनराशि में बढ़ाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। दक्षिण कश्मीर के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एसपी पनी ने मीडिया से कहा, "किसी भी आतंकवादी संगठन को विकसित करने के लिए आपको धन और हथियार चाहिए। और जब इन की कमी हो जाती है, तो यह डकैतियां करती है और हथियार छीनती है।"
हालांकि, आतंकवादियों ने इससे इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि उनके पास पर्याप्त नकदी है, वे स्वतंत्रता सेनानी हैं और वे लूटने के लिए तैयार नहीं होते हैं।