पुणे स्थित स्वराज्य संगठन अध्यक्ष वनिता गुट्टे ने बताया कि मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश के लिए वह अपनी महिला कार्यकर्ताओं के साथ सुबह पांच बजे से ही खडी थीं। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए वहां के ड्रेस कोड का भी पालन किया। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में प्रवेश सुबह छह बजे से सात बजे तक सीमित है। यह समय मंदिर ट्रस्ट ने निर्धारित किया है। कुछ स्थानीय पुजारी और महिलाएं कतार में हम लोगों से आगे खड़ी हो गईं और हमें गर्भगृह में प्रवेश करने से रोकने का प्रयास किया। उन लोगों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार भी किया। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने पुजारियों और महिलाओं के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, उनमें त्र्यंबकेश्वर नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष अनघ फड़के शामिल हैं। त्र्यंबकेश्वर पुलिस स्टेशन के निरीक्षक एच पी कोल्हे ने कहा कि 200 लोगों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। इनमें धारा 354 (शील भंग के इरादे से महिलाओं पर हमला), 341 (अवैध रोक), 504 (शांति बाधित करने के इरादे से जानबूझकर अपमानित करना) आदि शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस सीसीटीवी फुटेज देखेगी और इस संबंध में कार्रवाई करेगी। त्र्यंबकेश्वर देवस्थान ट्रस्ट ने हाल ही में भगवान शिव मंदिर के गर्भगृह में महिलाओं को प्रतिदिन एक घंटे के लिए प्रवेश की अनुमति दी है। लेकिन इसके लिए कपड़ों के संबंध में शर्तें भी रखी गई हैं।