कड़ी सुरक्षा के बीच कब्रिस्तान ले जाते हुए याकूब के शव की फोटो खींचने या वीडियो बनाने पर पुलिस ने रोक लगा दी थी। शहर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। सैकड़ों लोगों को पहले ही ऐतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया था।
मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों के मामले में दोषी याकूब मेमन को सुबह नागपुर सेंट्रल जेल में फांसी दिए जाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया था। नागपुर में कल से मौजूद याकूब के भाई सुलेमान और रिश्ते के भाई उस्मान शव को इंडिगो के विमान से मुंबई लेकर आए।
सुबह याकूब को नागपुर जेल अधीक्षक योगेश देसाई की निगरानी में फांसी दी गई। याकूब को फांसी से उतारे जाने के करीब आधे घंटे बाद चिकित्सकों के एक दल ने उसे मृत घोषित किया। उस समय नागपुर की मुख्य न्यायिक मजिस्टेट एम एम देशपांडे फांसी यार्ड में मौजूद थीं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पीटीआई भाषा को एक एसएमएस के जरिए बताया, हां याकूब मेमन को सुबह सात बजते ही फांसी दे दी गई और उसका शव उसके परिजन को सौंपा जा रहा है ।