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तो क्या अब इलाहाबाद का नाम भी बदल दिया जाएगा?

लखनऊ में मंगलवार को अखाड़ा परिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक की। करीब एक घंटे तक चली बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि समेत कई महंत मौजूद थे।
तो क्या अब इलाहाबाद का नाम भी बदल दिया जाएगा?


उत्तर प्रदेश में इस समय सारे मुद्दों से अलग जगहों का नाम बदलना ही सबसे बड़ा मुद्दा है। हाल ही में मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर रखे जाने को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूरी मिली थी। अब इलाहाबाद का नाम बदलवाने की मांग हो रही है। 'बदलाव' के इस दौर में यह भी जोड़ दें कि पिछले दिनों उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने प्रदेश के पाठ्यक्रम में भी 'बदलाव' की बात कही है। यानी बहुत कुछ बदल रहा है।

इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मांग

14 'फर्जी' बाबाओं की लिस्ट खुद ही जारी करने के बाद बाबाओं का अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने की मुहिम पर है। हिंदू धर्म में साधुओं और संतों के सबसे बड़े संगठन अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज करने की मांग की है। लखनऊ में मंगलवार को अखाड़ा परिषद के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के साथ बैठक की। इलाहाबाद का नाम बदलने के साथ ही अर्ध कुंभ में बेहतर सुविधाओं का प्रस्ताव भी रखा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ करीब एक घंटे तक चली बैठक में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि समेत कई महंत मौजूद थे। बैठक के दौरान अखाड़ा परिषद ने मुख्यमंत्री को 14 फर्जी बाबाओं की सूची भी सौंपी और उनके अर्ध कुंभ में शामिल होने पर रोक लगाने की मांग की।

बैठक के बाद महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि हमको मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया है कि इस बार अर्ध कुंभ ऐतिहासिक होगा। अर्ध कुंभ में पिछली बार पार्किंग को लेकर कुछ समस्याएं आई थीं।

कुंभ में 'फर्जी' बाबाओं का नहीं होगा प्रवेश

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि कुंभ में 'फर्जी' साधुओं की साधु के तौर पर प्रवेश नहीं होगा। वे आम लोगों की तरह कुंभ में आ सकते हैं। अगर जाना भी है तो गृहस्थ के रूप में जाएं। महंत ने कहा कि जिन लोगों का नाम 'फर्जी' बाबाओं की सूची में है वो लोग बौखलाए हैं। मैं और अखाड़ा परिषद के सभी महंत किसी भी जांच के लिए तैयार हैं। महंतों ने कहा कि भारत के कोने-कोने में बैठे स्वयंभू बाबाओं को अखाड़ा परिषद चिह्नित करेगा। जल्द ही फर्जी बाबाओं के अन्य नामों की भी लिस्ट भी जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि गृहस्थ और बाबा दोनों जीवन एक साथ जीने वाले संत नहीं हो सकते हैं।

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