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भाजपा मंत्री को चुभते युवा शिक्षक

युवा शक्ति के बल पर सत्ता का सिंहासन पाने वाली भारतीय जनता पार्टी के हरियाणा में वरिष्ठ मंत्री रामविलास शर्मा को युवा पुरुष शिक्षकों के चरित्र पर संदेह है। इसलिए मंत्री महोदय ने ‘हिंदुत्व’ आदर्श के नाम पर फरमान जारी किया है कि प्रदेश के सरकारी कन्या विद्यालयों (गर्ल्स स्कूल्स) में 50 से कम उम्र के शिक्षकों को न रखा जाए।
भाजपा मंत्री को चुभते युवा शिक्षक

मतलब ऐसे स्कूलों में लड़कियों को पढ़ाने के लिए 50 वर्ष से अधिक आयु वाले शिक्षक रखे जाएं। इसी आधार पर नियुक्ति एवं तबादलों की व्यवस्‍था हो। मंत्री यह दावा करने में भी नहीं चूकते कि हरियाणा में बड़ी संख्या में लड़कियों के स्कूल हैं। दूसरी तरफ उनका तर्क है कि हिंदू जीवन दर्शन के अनुसार एक उम्र के बाद लड़कियों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है क्योंकि वे अपने शिक्षकों से अधिक आकर्षित हो सकती हैं। रामविलास शर्मा संघ पृष्ठभूमि के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के कारण मुख्यमंत्री पद के दावेदार भी रहे हैं। सरकार में उनका दबदबा है। पिछले महीने उनके मार्गदर्शन के अनुसार शिक्षा विभाग ने बाकायदा आदेश जारी कर शिक्षकों को जीन्स पहनकर स्कूल आने पर रोक लगाई, जिस पर बड़ा हंगामा मचा। भाजपा नेता अनुशासन, सादगी और चारित्रक शिक्षा पर जोर दे रहे हैं। आश्चर्यजनक बात यह है कि वह महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद के नाम पर लड़के-लड़कियों के स्कूल भी अलग रखने की सलाह दे रहे हैं। स्वामी दयानंद और राजा राममोहन राय जैसे समाज सुधारकों ने अंधविश्वास और कुरीतियों को मिटाने के लिए लड़कियों की शिक्षा, यज्ञ में समान भागीदार, बाल विवाह पर प्रतिबंध एवं विधवा विवाह के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाए थे। स्वाभाविक है कि स्वामी दयानंद के काल में स्कूलों की शिक्षा भी पर्याप्त नहीं थी। इसलिए जरूरत के आधार पर उन्होंने लड़कियों के लिए अधिक नए स्कूल खोलने पर भी जोर दिया हो। लेकिन यहां तो लड़कियों के अलग स्कूल के साथ अधेड़ शिक्षकों को अनिवार्य किया जा रहा है। भाजपा नेताओं को क्या यह जानकारी नहीं कि शिक्षा के विस्तार और ज्ञान के विश्वव्यापी भंडार की जानकारी देने में युवा शिक्षक अधिक योग्य और सक्षम माने जाते हैं। फिर यह गारंटी कौन दे सकता है कि अधेड़ शिक्षकों से लड़कियों को कोई खतरा नहीं हो सकता। देश के कई स्कूलों में ऐसे गंभीर मामले सामने आए हैं। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति पर विचार-विमर्श कर रही है। ऐसी स्थिति में हरियाणा सरकार की सलाह जोड़ने पर युवा शिक्षकों के प्रति भेदभाव की नीति कितनी बेतुकी और खतरनाक साबित होगी?

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