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आलोक मेहता

लोकतांत्रिक मुकाबले की गरिमा

लोकतांत्रिक मुकाबले की गरिमा

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तीसरी निर्णायक डिबेट में डेमाक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन दर्शकों के व्यापक समर्थन से विजयी हो गईं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान से पहले शीर्ष उम्मीदवारों के बीच टी.वी. बहस से चुनावी मुद्दों की खुली चर्चा महत्वपूर्ण और दिलचस्प होती है।
सत्ता की राजनीति का जहर

सत्ता की राजनीति का जहर

पंजाब में मादक पदार्थों के अवैध धंधे का सत्ता की राजनीति पर गहरा असर है। यह दोष केवल वर्तमान सत्तारूढ़ दल और सरकार का नहीं है। लगभग तीन दशकों के दौरान जहर की तस्करी और उससे होने वाली अवैध कमाई ने संपूर्ण व्यवस्‍था को तबाह किया। पंजाब-हरियाणा में अन्य राज्यों की तरह शराब के ठेकों से सरकारी खजाने में बड़ी आमदनी होती है। खजाना भरने के लिए ठेके और शराब की खपत बढ़ती गई। हरियाणा की स्‍थापना के बाद पहले तो पर्यटन स्‍थलों पर सरकार ने ही पब और राजमार्गों पर शराब के ठेकों को बढ़ावा दिया। फिर अति उत्साही आदर्शवादी कहलाने के लिए राज्य सरकार ने प्रदेश में शराबबंदी लागू की। लेकिन जल्द ही अवैध धंधे, जहरीली शराब से लोगों के मरने की नौबत आने पर सरकार ने फैसला बदल दिया।
भारत में ओलंपिक का सपना

भारत में ओलंपिक का सपना

रियो- ब्राजील में ओलंपिक की भव्यता एवं भारत की भागेदारी के साथ अधिकाधिक पदक पाने की शुभकामनाएं सब दे रहे हैं। खिलाड़ियों के साथ लाखों-करोड़ों की भावनाएं खेलों से जुड़ी हुई हैं।
चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

चर्चा : कश्मीर पर मीडिया का संयम जरूरी। आलोक मेहता

कश्मीर में हिजबुल के खूंखार आतंकवादी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में हिंसा और बिगड़ी स्थिति चिंताजनक है। ऐसी हालत में एक बार फिर मीडिया सवालों के घेरे में है। निश्चित रूप से स्वतंत्र मीडिया दुनिया भर को तथ्य पहुंचाता है। अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे लोकतांत्रिक देशों की समस्याएं, आतंकवादी घटनाएं और हिंसा की समस्याएं भारत से भिन्न हैं।
चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

चर्चाः सोशल बनाम एंटी सोशल मीडिया| आलोक मेहता

महिला और बाल विकास मं­त्री मेनका गांधी ने सोशल मीडिया में महिलाओं के प्रति अपमानजनक अभद्र टिप्पणी करने और धमकी देने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के लिए एक समिति के गठन की घोषणा की है। सबसे बड़ा संकट यह है कि सोशल मीडिया के ‘ट्विटर’ जैसे माध्यम में संदेश के नाम पर अपराध करने वालों की सही नाम और पतों को खोजना असंभव सा है।
हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

हमलों से पहले जांच-कार्रवाई क्यों नहीं? आलोक मेहता

महाराष्ट्र सरकार ने विवादास्पद उपदेशक जाकिर नाइक के आतंकवाद समर्थक भाषणों की जांच के आदेश दिए हैं। आरोप यह है कि पिछले दिनों बांग्लादेश में हुए घृणित आतंकवादी हमले में शामिल एक आतंकवादी जाकिर नाइक से ‘प्रेरित’ होकर ऐसी गतिविधि में शामिल हुआ।
चर्चाः अवैध धार्मिक स्‍थलों पर हथौड़ा | आलोक मेहता

चर्चाः अवैध धार्मिक स्‍थलों पर हथौड़ा | आलोक मेहता

अदालतें सचमुच इन दिनों कमाल कर रही हैं। सत्तारूढ़ या प्रतिपक्ष के नेताओं को भले ही अदालती न्याय से कष्ट हो रहा है, लेकिन जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। अब हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने एक मामले की सुनवाई के बाद सख्त आदेश दिया है कि उ.प्र. में सड़कों के किनारे, चौराहे अथवा हाईवे या गलियों में बने अवैध धार्मिक स्‍थलों को तोड़ दिया जाए।
चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

चर्चाः कानून बनाओ, हजारों जान बचाओ | आलोक मेहता

नितिन गडकरी काबिल मंत्री होने के साथ अपनी स्पष्टवादिता के लिए भी मशहूर हैं। पार्टी हो या सरकार, जिस समय अधिकांश मंत्री-नेता अपनी सफलताओं के ढोल पीट रहे हैं, नितिन गडकरी ने बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस बुलाकर स्पष्ट शब्दों में माना कि ‘देश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को रोकने में हम विफल रहे हैं। हम दुःख के साथ स्वीकारते हुए सारे तथ्य और आंकड़ों की रिपोर्ट भी सार्वजनिक कर रहे हैं, क्योंकि दुनिया में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं भारत में हो रही हैं। प्रतिदिन 1410 दुर्घटनाओं में से 400 लोग मर रहे हैं।’ उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ‘भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट-2015’ को जारी किया।
चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

चर्चाः नदियों के संगम के लिए मंत्री का अनशन। आलोक मेहता

लोकतंत्र की यही ताकत है। केवल विरोधी अथवा गैर सरकारी संगठन नहीं केंद्र सरकार की वरिष्ठ मंत्री सुश्री उमा भारती ने बुंदेलखंड की प्यासी जमीन और लाखों लोगों को राहत देने के लिए केन-बेतवा नदियों को जोड़ने के प्रस्ताव पर मंजूरी नहीं मिलने की स्थिति में अनशन सहित आंदोलन की घोषणा कर दी है। उमाजी स्वयं जल संसाधन नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री हैं। नदी जोड़ परियोजना उनके मंत्रालय के तहत है। वह स्वयं बुंदेलखंड की चुनी हुई जन प्रतिनिधि हैं।
चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

चर्चाः अमेरिकी बिजनेस में हिस्सेदारी। आलोक मेहता

वह जमाना गया, जब वचन देने वाले राजा-महाराजा बिना लिखा-पढ़ी हुए वायदा पूरा करने के लिए अपनी जान तक गंवाने को तैयार रहते थे। अब महाशक्तियां कू‌टनीतिक मित्रता ‘बिजनेस’ के लिए करती दिखती हैं। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के हाथ-गले मिलने और मीठी बातों से अभिभूत होने की गलती न की जाए।
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