प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में जहांगीरपुरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद अंसार सहित विभिन्न संदिग्धों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हाल ही में ईडी को पत्र लिखकर एजेंसी से जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने मामले में अपने अधिकारियों द्वारा किए गए प्रारंभिक निष्कर्षों और उनके द्वारा दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) का हवाला दिया। अधिकारियों ने कहा कि ईडी का मामला पुलिस की इन शिकायतों से उपजा है।
16 अप्रैल को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में एक हनुमान जयंती जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गया। पुलिस के अनुसार, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि जहांगीरपुरी के बी-ब्लॉक निवासी अंसार (35) को हिंसा के पीछे "मुख्य साजिशकर्ता" माना जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच के दौरान यह सामने आया है कि अंसार के कुछ वित्तीय लेन-देन हैं और उसके पास कई संपत्तियां भी हैं जिन्हें कथित तौर पर जुए के पैसे से खरीदा गया था। ईडी से सभी आरोपियों से पूछताछ करने और उनके वित्तीय लेनदेन की जांच करने की उम्मीद है।
मनी लॉन्ड्रिंग जांच के दौरान आरोपी की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्क करने का अधिकार है। अभी तक जहांगीरपुरी हिंसा मामले में पुलिस 25 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है।
अंसार समेत पांच आरोपियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के कड़े प्रावधान किए गए हैं। पुलिस के अनुसार, अंसार का हनुमान जयंती जुलूस में भाग लेने वालों के साथ कथित तौर पर बहस हुई थी, जो आगे बढ़ गया और पथराव हो गया।