दिल्ली के जहांगीरपुरी में विध्वंस अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने याचिका की सुनवाई की और दो हफ्ते तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने के लिए, उत्तर डीएमसी और अन्य को याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। यही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी हिंसा मामले में केन्द्र और दिल्ली सरकार को भी नोटिस जारी कर एफिडेविट मांगा है और पूछा है कि कार्रवाई किस आधार पर की गई है।
बता दें कि कोर्ट के इस बयान के बाद नार्थ एमसीडी के मेयर इकबाल सिंह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के बाद ही आगे कुछ भी किया जाएगा।
गौरतलब है कि जहांगीरपुरी मामले में दायर याचिका की पैरवी कपिल सिब्बल और दुष्यंत दवे ने की और एमसीडी की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे। इस मामले की पैरवी जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की बेंच के सामने की गई।
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल का कहना है कि अतिक्रमण एक गंभीर मुद्दा है। लेकिन असल मुद्दा यह है कि यहाँ सिर्फ मुसलमानों को अतिक्रमण से जोड़ा जा रहा है। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता का कहना है कि कुछ लोग कह रहे हैं कि यह कार्यवाई के जरिये एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है लेकिन यह गलत है।
जाहिर है कि उत्तर पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी सहित हिंसक झड़पें हुईं थीं, जिसमें आठ पुलिस कर्मियों और एक स्थानीय निवासी को चोटें आई हैं।