जम्मू-कश्मीर में एक पत्रकार को कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने और जनता को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का आरोप है कि वो "आपराधिक इरादे" से सोशल मीडिया पर कथित रूप से राष्ट्रविरोधी सामग्री अपलोड कर रहा था। एक समाचार पोर्टल के संपादक फहद शाह को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने के बाद गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा है, "पुलवामा पुलिस ने यह देखा है कि कुछ फेसबुक यूजर और पोर्टल जनता के बीच भय पैदा करने के आपराधिक इरादे से फोटो, वीडियो और पोस्ट सहित राष्ट्र विरोधी सामग्री अपलोड कर रहे थे। इस तरह अपलोड की गई सामग्री जनता को कानून हाथ में लेने के लिए उकसा सकती है।"
उनके बयान के अनुसार पुलिस को यह पता चला है कि ये फेसबुक उपयोगकर्ता आतंकवादी गतिविधियों का महिमामंडन करने वाली पोस्ट अपलोड कर रहे थे और कानून लागू करने वाली एजेंसियों की छवि खराब कर रहे थे, इसके अलावा देश के खिलाफ द्वेष और असंतोष पैदा कर रहे थे।
Standing up for the truth is deemed anti national. Showing the mirror to a deeply intolerant & authoritarian government is also anti national. Fahad’s journalistic work speaks for itself & depicts the ground reality unpalatable to GOI. How many Fahad’s will you arrest? https://t.co/G22lN487zc
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) February 4, 2022
हालांकि अब इस मामले में राजनीति गरमाती नजर आ रही है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सच्चाई के लिए खड़े होना राष्ट्रविरोधी माना जाता है।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “सच्चाई के लिए खड़े होना राष्ट्रविरोधी माना जाता है। एक असहिष्णु और सत्तावादी सरकार को आईना दिखाना भी राष्ट्रविरोधी है। फहद ने जो किया है वो पत्रकारिता है और जमीनी हकीकत को दर्शाता है, जो भारत सरकार को पसंद नहीं है। आप कितने फहद को गिरफ्तार करेंगे?”
आपको बता दें कि समाचार पोर्टल द्वारा 30 जनवरी को पुलवामा के नायरा इलाके में एक मुठभेड़ में मारे गए एक आतंकवादी के परिवार के दावे पर आधारित कहानी अपलोड करने पर शाह से पहले भी पुलिस पूछताछ कर चुकी है। पुलिस ने कहा था कि मुठभेड़ में चार उग्रवादी मारे गए थे, लेकिन मारे गए आतंकवादियों में से एक के परिवार ने दावा किया था कि उनका परिजन निर्दोष था।