दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समान नागरिक संहिता को लेकर गुजरात सरकार को मंशा सवाल उठाया। केजरीवाल ने रविवार को भाजपा शासित राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने के लिए एक समिति का गठित करने के कदम को लेकर सरकार की मंशा पर को सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर भाजपा ऐसा करना चाहती है इसे पूरे देश में लागू करना चाहिए।
आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक गुजरात दौरे के तीसरे दिन भावनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “क्या भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस दिशा में कदम उठाने के लिए लोकसभा चुनाव का इंतजार कर रही है।”
चुनाव आयोग इस सप्ताह गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा कर सकता है। गुजरात सरकार ने शनिवार को कहा कि उसने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लागू करने के लिए उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया है।
केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा था कि चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले समिति का गठन किया जाएगा।
गुजरात सरकार के फैसले पर एक सवाल के जवाब में केजरीवाल ने राज्य सरकार को की मंशा पर प्रश्न करते हुए कहा कि, ''संविधान के अनुच्छेद 44 में स्पष्ट रूप से लिखा है कि समान नागरिक संहिता बनाना सरकार की जिम्मेदारी है। इसलिए सरकार को सभी समुदायों की सहमति से और उन्हें एक साथ लेकर समान नागरिक संहिता तैयार करनी चाहिए।"
केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने उत्तराखंड चुनाव से पहले भी इसी तरह की समिति बनाई थी। उन्होंने दावा किया, "चुनाव जीतने के बाद, समिति घर वापस चली गई। अब गुजरात चुनाव से कुछ दिन पहले, उन्होंने एक और समिति बनाई है। यह समिति (सदस्य) भी चुनाव के बाद घर वापस जाएगी।"
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “अगर उनका इरादा समान नागरिक संहिता को लागू करना है, तो वे इसे राष्ट्रीय स्तर पर क्यों नहीं बनाते और इसे पूरे देश में लागू करते हैं? क्या वे लोकसभा चुनाव की प्रतीक्षा कर रहे हैं?"
आप प्रमुख ने कहा, "तो पहले उनसे पूछिए कि केजरीवाल कह रहे हैं कि आप समान नागरिक संहिता लागू नहीं करना चाहते, आपकी मंशा खराब है।"
चुनाव वाले गुजरात दौरे के तीसरे दिन केजरीवाल ने स्थानीय कोली समुदाय के नेता और सामाजिक कार्यकर्ता राजू सोलंकी का आप में स्वागत किया। जो अपने बेटे बृजराजसिंह सोलंकी के साथ पार्टी में शामिल हुए थे।