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कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मामला: न्यायालय ने ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण पर रोक जारी रखने का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि मंदिर से लगे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की अदालत की निगरानी...
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मामला: न्यायालय ने ईदगाह परिसर के सर्वेक्षण पर रोक जारी रखने का आदेश दिया

उच्चतम न्यायालय ने मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि मंदिर से लगे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर की अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के क्रियान्वयन पर अंतरिम रोक जारी रखने का सोमवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका की अगली सुनवाई अप्रैल के प्रथम पखवाड़े के लिए निर्धारित कर दी।

पीठ ने कहा, ‘‘जहां कहीं भी अंतरिम आदेश जारी किया गया है वह जारी रहेगा। अप्रैल 2024 के प्रथम पखवाड़े में पुन: सूचीबद्ध किया जाए।’’ शीर्ष अदालत ने कहा कि मुद्दे पर इसके समक्ष लंबित सभी याचिकाओं पर अप्रैल में एक साथ सुनवाई की जाएगी। शीर्ष अदालत ने 16 जनवरी को, इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 14 दिसंबर 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी, जिसमें अदालत की निगरानी में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी।

इसने उच्च न्यायालय के उस आदेश पर भी रोक लगा दी थी जिसके द्वारा वह मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण की निगरानी के लिए अदालत द्वारा आयुक्त की नियुक्ति पर सहमत हुआ था। इस परिसर के बारे में हिंदू पक्ष का दावा है कि यह कभी मंदिर हुआ करता था। शीर्ष अदालत ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया कि दीवानी प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) के आदेश 7 नियम 11 के तहत मुकदमे की विचारणीयता सहित विवाद में उच्च न्यायालय के समक्ष कार्यवाही जारी रहेगी।

पीठ ने कहा कि कुछ कानूनी मुद्दे खड़े हुए हैं और उसने सर्वेक्षण के लिए अदालती आयुक्त की नियुक्ति की खातिर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश ‘‘अस्पष्ट’’ आवेदन पर सवाल उठाए।शीर्ष अदालत ने हिंदू संगठनों को भी नोटिस जारी किया था और मस्जिद समिति की याचिका पर उनका जवाब मांगा था। मस्जिद समिति ने अपनी याचिका में कहा कि उच्च न्यायालय को मुकदमे में किसी भी अन्य अर्जी पर निर्णय लेने से पहले वादपत्र की अस्वीकृति के लिए उसकी याचिका पर विचार करना चाहिए था।

समिति ने इस आधार पर याचिका खारिज करने का अनुरोध किया था कि यह मुकदमा उपासना स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 द्वारा वर्जित है जो धार्मिक स्थल के स्वरूप में बदलाव पर रोक लगाता है। शीर्ष अदालत, मस्जिद समिति द्वारा दायर एक अन्य याचिका पर पहले से विचार कर रही है, जिसमें उच्च न्यायालय के 26 मई, 2023 के एक आदेश को चुनौती दी गई है। उक्त आदेश में, उच्च न्यायालय ने मथुरा की अदालत में लंबित विवाद से संबंधित सभी मामले उसे स्थानांतरित करने को कहा था।

मथुरा में, शाही ईदगाह मस्जिद को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन (3) की अदालत में एक मुकदमा दायर किया गया था, जिसमें हिंदू पक्ष का दावा है कि इसका निर्माण श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट की 13.37 एकड़ भूमि के एक हिस्से पर किया गया था।

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