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कुवैत आग हादसा: भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए वायुसेना का विमान तैयार

कुवैत के अधिकारी मंगाफ इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गये लोगों के शवों की डीएनए जांच कर रहे...
कुवैत आग हादसा: भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए वायुसेना का विमान तैयार

कुवैत के अधिकारी मंगाफ इलाके की एक इमारत में लगी भीषण आग में मारे गये लोगों के शवों की डीएनए जांच कर रहे हैं और भारतीय वायुसेना के एक विमान को हादसे में मारे गये भारतीयों के शवों को वापस लाने के लिए तैयार रखा गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

गौरतलब है कि कुवैत अग्निकांड के बाद केरल में कई परिवार असमंजस में हैं और अपनों की मृत्यु की आशंका के बीच दुख में डूबे हैं। हालांकि अभी तक उन्हें अपने रिश्तेदारों के बारे में अधिकारियों से कोई जानकारी नहीं मिली है। कई समाचार चैनल पर केरल के 14 लोगों की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं जिनकी इस आग त्रासदी में मौत हो गई।

हालांकि, कई परिवारों ने मीडिया को बताया कि उन्हें अभी तक उनके रिश्तेदारों के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है। दुख में डूबे एक माता-पिता ने एक समाचार चैनल को बताया, ‘‘ उसका फोन अब भी बज रहा है। हमें नहीं समझ आ रहा क्या करना है।’’

कई खबरों अनुसार, कुवैत में हुए इस अग्निकांड में केरल के पथानामथिट्टा, कोल्लम, कोट्टायम, मलप्पुरम, कन्नूर और कासरगोड जिलों के लोगों की जान गई है। कोल्लम जिले के पुनालुर के एक व्यक्ति के परिवार ने बताया कि दोस्तों से पता चला है कि वह लापता है।

रिश्तेदारों ने कहा, ‘‘ हमें अभी तक कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन वहां रह रहे हमारे दोस्तों ने घटना की पुष्टि की है।’’ टीवी चैनल पर प्रसारित समाचारों में असमंजस में पड़े इन परिवार वालों के घरों पर स्थानीय लोगों तथा रिश्तेदारों का तांता लगा दिख रहा है। वे परिवारों को सांत्वना देते नजर आ रहे हैं।

कुवैत के अधिकारियों के अनुसार, कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नेट के मंगफ क्षेत्र में छह मंजिला इमारत की रसोई में आग लगी थी। इमारत में एक ही कंपनी के 195 मजदूर रहते थे। हादसे में 40 भारतीयों सहित 49 विदेशी मजदूरों की मौत हो गई है। वहीं 50 अन्य घायल हो गए जिनका इलाज जारी है।

इस घटना के बाद इमारत के मालिकों और कंपनी मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। उन्होंने खर्चे कम करने के लिए कानून का उल्लंघन किया और बड़ी संख्या में विदेशी मजदूरों को बेहद असुरक्षित परिस्थितियों में वहां ठहराया था।

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