2008 मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर गुरुवार को यहां निचली अदालत में पेश हुईं। भोपाल के सांसद एनआईए मामलों के विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी के समक्ष उपस्थित रहे, क्योंकि महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते के एक अधिकारी ने उन्हें गिरफ्तार किया था, जो गवाह के रूप में पेश कर रहे थे।
दिन की कार्यवाही के दौरान ठाकुर के वकील ने एटीएस अधिकारी से जिरह की। वह दोपहर करीब 12 बजे पहुंची और आरोपी को सौंपी गई लकड़ी की बेंच पर बैठ गई।
बाद में पीठ दर्द की शिकायत के बाद कोर्ट ने उन्हें कुर्सी पर बैठने की इजाजत दे दी। अदालत ने ठाकुर के अनुरोध पर हिंदी (मराठी और अंग्रेजी के बजाय) में भी कार्यवाही की।
इस मामले में ठाकुर और लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित समेत सात लोगों पर मुकदमे चल रहे हैं और अब तक 26 गवाह मुकर चुके हैं।
29 सितंबर, 2008 को उत्तर महाराष्ट्र के सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील शहर मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधा एक विस्फोटक उपकरण फट जाने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए।
पुलिस के अनुसार, मोटरसाइकिल ठाकुर के नाम पर पंजीकृत थी जिसके कारण उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2017 में उन्हें जमानत दे दी थी