कांग्रेस ने ‘‘मणिपुर में जारी हिंसा’’ के दो साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को निशाना बनाते हुए शनिवार को कहा कि यह पूर्वोत्तर राज्य आज भी पीड़ा झेल रहा है लेकिन कोई सार्थक समाधान तलाशने के बजाय राजनीतिक खेल खेला जा रहा है।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के राज्य में आने का आज भी इंतजार है।मणिपुर में तीन मई 2023 को हिंसा शुरू हुई थी। इस हिंसा में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं।
उन्होंने दावा किया कि तीन मई 2023 को जो शुरू हुआ, वह राज्य में तथाकथित ‘डबल इंजन’ सरकार का पटरी से उतरना था।
उन्होंने कहा कि इसके तीन महीने बाद उच्चतम न्यायालय को यह कहने के लिए मजबूर होना पड़ा कि राज्य में संवैधानिक तंत्र पूरी तरह से नष्ट हो गया है।
रमेश ने कहा कि राज्य विधानसभा में कांग्रेस द्वारा लाए जाने वाले अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया और अंततः 13 फरवरी 2025 को राष्ट्रपति शासन लगा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मणिपुर आज भी पीड़ा से गुजर रहा है। राजनीतिक खेल खेले जा रहे हैं। कोई सार्थक समाधान प्रक्रिया नहीं है। आंतरिक रूप से विस्थापित 60,000 से अधिक लोग भारी तनाव की स्थिति में राहत शिविरों में रह रहे हैं।’’
कांग्रेस नेता ने कहा, "सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रधानमंत्री मणिपुर से लगातार बचते रहे हैं। उन्होंने राज्य के किसी भी व्यक्ति से मुलाकात नहीं की। वह पूरी दुनिया में घूम चुके हैं लेकिन उन्हें संकटग्रस्त राज्य का दौरा करने और वहां के लोगों तक पहुंचने के लिए न तो समय मिला, न ही उनका इस ओर झुकाव है और न ही संवेदनशीलता।"