कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी जब संसद के उच्च सदन में प्रवेश करने जा रही हैं तो उसी समय पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल और उनकी संसदीय पारी का समापन होने जा रहा है। वर्तमान में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य सिंह का उच्च सदन में छठा कार्यकाल था। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के सूत्रधार कहे जाने वाले सिंह अप्रैल की शुरुआत में अपनी संसदीय पारी समाप्त करेंगे।
सिंह ऐसे समय राज्यसभा से विदा होने जा रहे हैं जब उच्च सदन में पहली बार सोनिया गांधी प्रवेश करेंगी। वह पहली बार राजस्थान की उसी राज्यसभा सीट से राज्यसभा में प्रवेश करेंगी जो मनमोहन सिंह के छह साल के कार्यकाल की समाप्ति के बाद खाली हो रही है। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बाद राज्यसभा में प्रवेश करने वाली गांधी परिवार की दूसरी सदस्य होंगी। इंदिरा गांधी अगस्त, 1964 से फरवरी, 1967 तक उच्च सदन की सदस्य रही थीं।
नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री बनने के बाद 1991 में पहली बार राज्यसभा सदस्य बने 92 वर्षीय सिंह ने 1999 में दक्षिण दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन असफल रहे थे। उन्हें भारतीय जनता पार्टी के विजय कुमार मल्होत्रा ने हराया था।लोकसभा चुनाव की हार के बाद राज्यसभा में उनका कार्यकाल लगातार बना रहा, हालांकि इसके बाद उन्होंने फिर कभी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा।
वित्त मंत्री का पद संभालने के लगभग तीन महीने बाद अक्टूबर, 1991 में सिंह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने। वह एक अक्टूबर, 1991 से 14 जून, 2019 तक लगातार पांच कार्यकाल तक बिना किसी अंतराल के असम से उच्च सदन के सदस्य रहे।इसके बाद, 20 अगस्त, 2019 से 3 अप्रैल, 2024 तक थोड़े अंतराल के बाद वह फिर से राजस्थान से राज्यसभा के लिए चुने गए।सिंह जब 2004 से 2014 तक प्रधानमंत्री थे तब उच्च सदन के नेता थे और 21 मार्च, 1998 से 21 मई 2004 तक सदन में नेता प्रतिपक्ष थे।
भाजपा उन पर ऐसी सरकार चलाने का आरोप लगाती थी जो भ्रष्टाचार से घिरी हुई थी और जिस दौरान कई घोटाले हुए थे। भाजपा ने उन्हें ‘मौनमोहन’ भी कहा था। प्रधानमंत्री पद से विदा होने से पहले उन्होंने कहा था कि ‘‘इतिहास समकालीन मीडिया या संसद में विपक्षी दलों की तुलना में मेरे प्रति अधिक उदार होगा।’’ पिछले कुछ समय से सिंह का स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें महत्वपूर्ण मौकों पर व्हीलचेयर पर राज्यसभा की कार्यवाही में भाग लेते देखा जाता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में उच्च सदन के सदस्य के रूप में उनकी भूमिका की सराहना की थी और कहा था कि उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जाएगा। मोदी ने यह भी कहा था कि सिंह कभी-कभी व्हीलचेयर पर रहते हुए भी वोट देने आते हैं और उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए ऐसा किया।