पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में चार जवानों के शहीद होने पर बृहस्पतिवार को दुख व्यक्त किया। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) अध्यक्ष महबूबा ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत सरकार के झूठे दावों के बावजूद कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक है, अधिकारियों और जवानों को ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाते देखना दिल दहला देने वाला है। इस दिखावे की कीमत उन्हें और निर्दोष नागरिकों को चुकानी पड़ रही है। उनके परिवारों और प्रियजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं।’’
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष अब्दुल्ला ने बुधवार देर रात ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘राजौरी से भयानक खबर जहां दो अधिकारियों सहित चार जवानों ने ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवा दी है। पीर पंजाल क्षेत्र के अब तक शांतिपूर्ण रहे इलाकों में आतंकवाद फैलाने के निरंतर प्रयासों की निंदा करते हुए, मैं उन जवानों के परिवारों के प्रति अपनी गंभीर संवेदना व्यक्त करता हूं जिन्होंने आज सर्वोच्च बलिदान दिया।’’
गौरतलब है कि राजौरी जिले के धर्मसाल के बाजीमल इलाके में आतंकवादियों और सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस के संयुक्त बलों के बीच चल रही मुठभेड़ गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी रही। मारे गए आतंकवादी की पहचान क्वारी, एक पाकिस्तानी नागरिक और कट्टर आतंकवादी के रूप में की गई है। पीआरओ डिफेंस जम्मू के अनुसार, उन्हें पाकिस्तानी और अफगान मोर्चों पर प्रशिक्षित किया गया है। मारा गया आतंकवादी लश्कर-ए-तैयबा का उच्च रैंक वाला आतंकवादी नेता है। वह पिछले एक साल से अपने ग्रुप के साथ राजौरी-पुंछ में सक्रिय है। उसे डांगरी और कंडी हमलों का मास्टरमाइंड भी माना जाता है।