दिल्ली उच्च न्यायालय ने शनिवार को मंत्री सत्येंद्र जैन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ मनी लांड्रिग के एक मामले को दूसरी अदालत में स्थानांतरित करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी थी।
जैन ने पिछले महीने दिल्ली हाइकोर्ट का रूख किया था, जिसमें प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता के 23 सितंबर के आदेश को चुनौती दी थी। स्थानांतरण को चुनौती देने वाली याचिका को न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने निचली अदालत के आदेश को सही ठहराते हुए खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति योगेश खन्ना ने याचिका खारिज करने से पहले कहा, “मामले को स्थानांतरित करते समय प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश द्वारा सभी तथ्यों पर विधिवत विचार किया गया था, जिसकी जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है, और यह नहीं माना जा सकता है कि निर्णय में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता है।”
ईडी ने 2017 में आप नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जैन और दो अन्य को गिरफ्तार किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने उससे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए धन का अबैध गबन किया।