सुप्रीम कोर्ट ने गुरूवार को एल्गार परिषद-माओवादी लिंक मामले में जेल में बंद ‘गौतम नवलखा’ को इलाज के लिए मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती होने की इजाजत दे दी है। नवलखा ने पेट में कैंसर के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल में भर्ती करने की गुहार लगाई थी।
न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और हृषिकेश रॉय की पीठ ने
यह रेखांकित करते हुए कहा, "चिकित्सा उपचार प्राप्त करना एक मौलिक अधिकार है और यह बिना भेदभाव के सबको मिलना चाहिए। हम निर्देश देते हैं कि याचिकाकर्ता को तत्काल चिकित्सा जांच के लिए ले जाया जाए।"
कोर्ट ने नवलखा के साथी सहबा हुसैन और बहन को अस्पताल में उनसे मिलने की अनुमति दी है। पीठ ने आगे कहा, "तदनुसार, हम तलोजा जेल अधीक्षक को जसलोक अस्पताल ले जाने का निर्देश देते हैं ताकि वह मरीज की आवश्यक चिकित्सीय जांच की जा सके।”
कोर्ट ने कहा हम स्पष्ट करते हैं कि याचिकाकर्ता पुलिस हिरासत में रहेगा। अस्पताल के अधिकारियों को मरीज के चेक-अप के बारे में को एक रिपोर्ट देनी होगी। वरिष्ठ वकील सिब्बल ने गौतम नवलखा का पक्ष लेते हुए सवाल किया, "यह कैसी धारणा है? नवलखा 70 से अधिक के हैं और उन्हें पेट का कैंसर है क्या वह राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा है?
मामला 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एल्गार परिषद सम्मेलन में कथित भड़काऊ भाषणों से संबंधित है, जिसके बारे में पुलिस ने दावा किया कि अगले दिन पश्चिमी महाराष्ट्र शहर के बाहरी इलाके में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास हिंसा हुई। जिसका लिंक गौतम नवलखा से जुड़ा बताया जा रहा है।