भारत में आज यानी 7 मई को, 244 जिलों में व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल शुरू हो चुकी है, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद पहला इस तरह का अभ्यास है। यह ड्रिल 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर आयोजित की जा रही है। गृह मंत्रालय (एमएचए) के निर्देश पर यह अभ्यास हवाई हमले, ब्लैकआउट जैसे आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों और प्रशासन की तैयारियों का आकलन करेगा।
मॉक ड्रिल दोपहर 4 बजे से शुरू हो रही है, जिसमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता और चंडीगढ़ जैसे प्रमुख शहरों में हवाई हमले की सायरन बजाई जा रही हैं। मुंबई में 60 स्थानों पर सायरन के बाद 5 मिनट का ब्लैकआउट होगा, जबकि दिल्ली में 55 स्थानों पर सायरन के साथ आंशिक बिजली कटौती की जाएगी। चंडीगढ़ में शाम 7:30 बजे सायरन के साथ पूर्ण ब्लैकआउट होगा। गुजरात, पंजाब, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में संवेदनशील स्थानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। आज के अपडेट के अनुसार, दिल्ली के स्कूलों और कॉलेजों में 'ऑपरेशन अभ्यास' प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए गए, जहां छात्रों को आपातकालीन प्रोटोकॉल सिखाए गए। पंजाब ने सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए, जबकि महाराष्ट्र के तरापुर और गुजरात के कुछ हिस्सों में शाम 7:30 बजे के बाद ब्लैकआउट ड्रिल होगी।
नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे इस अभ्यास को गंभीरता से लें और शांत रहें। सायरन सुनते ही घर के अंदर सुरक्षित स्थान पर जाएं, खिड़कियों और बाहरी दीवारों से दूर रहें, और आश्रय लें। आपातकालीन किट में टॉर्च, पानी की बोतल, प्राथमिक चिकित्सा किट, वैध पहचान पत्र और आपातकालीन संपर्क नंबर जैसे पुलिस के लिए 100, दमकल के लिए 101 और एम्बुलेंस के लिए 108 तैयार रखें। स्थानीय प्रशासन, नागरिक रक्षा वार्डनों और स्वयंसेवकों के निर्देशों का सख्ती से पालन करें।
वहीं ब्लैकआउट के दौरान घर की सभी लाइटें, इनवर्टर और वैकल्पिक बिजली स्रोत बंद करें। आधिकारिक सूचनाओं के लिए रेडियो, टीवी या सरकारी चैनलों पर भरोसा करें। इसके विपरीत, घबराहट न करें, क्योंकि सायरन, ब्लैकआउट या नेटवर्क रुकावट केवल ड्रिल का हिस्सा हैं। सोशल मीडिया पर अफवाहें या संवेदनशील जानकारी, जैसे स्थानीय सुविधाओं की तस्वीरें, साझा न करें। फोन का अनावश्यक उपयोग न करें ताकि आपातकालीन लाइनें खाली रहें। लिफ्ट का इस्तेमाल न करें, क्योंकि ड्रिल के दौरान बिजली कटौती से फंसने का खतरा हो सकता है।गृह मंत्रालय ने नागरिकों से इस अभ्यास में सक्रिय भागीदारी की अपील की है ताकि आपात स्थिति में सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। यह ड्रिल भारत की रक्षा तैयारियों और नागरिकों की जागरूकता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है