भारत के स्टार भाला फेंक (जैवलीन थ्रोअर) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने अपनी तकनीक में एक बड़ी खामी की पहचान की है, जो उन्हें लगातार 90 मीटर से अधिक दूरी तक भाला फेंकने से रोक रही है। नीरज ने बताया कि प्रतियोगिताओं में वह भाला फेंकते समय अपने बाएं तरफ बहुत अधिक झुक जाते हैं, जिससे उनकी शक्ति और ऊर्जा बर्बाद होती है। यह समस्या प्रशिक्षण के दौरान नहीं होती, लेकिन प्रतियोगिता में अतिरिक्त प्रयास के कारण ऐसा हो जाता है।
नीरज, जो दो बार के ओलंपिक पदक विजेता हैं। उन्होंने गुरुग्राम में अंडर आर्मर स्टोर के लॉन्च के दौरान कहा, "मैंने अपनी कमजोरी पहचान ली है। भाला फेंकते समय मैं बाएं तरफ बहुत झुक जाता हूं। हमें इस पर काम करना होगा। प्रशिक्षण में ऐसा नहीं होता, लेकिन प्रतियोगिता में अतिरिक्त जोर लगाने के कारण यह हो जाता है।"
उनके कोच, जैन जेलेसनी, जो विश्व रिकॉर्ड धारक हैं, ने भी इस खामी पर ध्यान दिया और इसे सुधारने पर जोर दे रहे हैं। नीरज ने बताया कि वह अपनी रन-अप गति और क्रॉस-स्टेप पर भी काम कर रहे हैं, जो कुछ प्रतियोगिताओं जैसे पेरिस और दोहा डायमंड लीग में अच्छा रहा, लेकिन बेंगलुरु और ओस्ट्रावा में हवा के कारण प्रभावित हुआ।
नीरज ने इस साल दोहा डायमंड लीग में 90.23 मीटर का थ्रो फेंककर 90 मीटर की बाधा पार की थी, लेकिन वह इसे और नियमित करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, "मैं 88-89 मीटर के आसपास लगातार फेंक रहा हूं, लेकिन 90 मीटर को और बार-बार हासिल करने की जरूरत है।" उनका अगला बड़ा लक्ष्य टोक्यो में 13-21 सितंबर 2025 को होने वाली वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतना है। इसके लिए वह अपने कोच के साथ चेक गणराज्य में 57 दिनों तक प्रशिक्षण लेंगे।
नीरज ने हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित नीरज चोपड़ा क्लासिक में 86.18 मीटर के थ्रो के साथ जीत हासिल की, जहां 15,000 से अधिक दर्शकों ने उनकी हौसला-अफजाई की। इस आयोजन में उनके परिवार ने पहली बार उन्हें लाइव देखा, जिसे वह हमेशा याद रखेंगे।