विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार, 26 जून 2025 को बताया कि भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर नहीं किए, क्योंकि आतंकवाद के मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी। MEA के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि दो दिनों (25-26 जून) तक चली इस बैठक में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख अपनाने की मांग की, लेकिन एक खास देश ने इस प्रस्ताव का विरोध किया, जिससे सहमति नहीं बन पाई।
जायसवाल ने बताया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में आतंकवाद के सभी रूपों से निपटने की जरूरत पर जोर दिया और सदस्य देशों से एकजुटता की अपील की। हालांकि, बयान में भारत की चिंताओं, खासकर क्रॉस-बॉर्डर आतंकवाद को शामिल करने पर सहमति नहीं हो सकी। इससे संयुक्त बयान को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। इस कदम को भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के रूप में देखा जा रहा है।
यह विवाद अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले (26 लोगों की मौत) के बाद और गहरा गया, जिसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। सूत्रों के अनुसार, कुछ देशों ने आतंकवाद के मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश की, जिसका भारत ने सख्ती से विरोध किया। बैठक में चीन की अध्यक्षता थी, और पाकिस्तान के साथ मतभेद भी एक कारण रहे।