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विपक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रयासों का सबूत दे: चुनाव आयोग

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन आरोपों के साक्ष्य साझा...
विपक्ष चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के प्रयासों का सबूत दे: चुनाव आयोग

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन आरोपों के साक्ष्य साझा करें जिनमें कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को दूषित करने के लिए प्रभावित किया गया था, ताकि आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके।

कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष को मतगणना शुरू होने से पहले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों के बारे में भी आयोग को बताना चाहिए। संवाददाता सम्मेलन में उनके साथ निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार और एस.एस. संधू भी मौजूद थे।

कुमार ने कहा, “आप अफवाह फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते।” उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी विदेशी प्रयास से निपटने के लिए तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं।

जिलाधिकारियों को प्रभावित किए जाने के आरोपों पर आपत्ति जताते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, “आरोप लगाने वालों को बताना चाहिए कि किस जिलाधिकारी को प्रभावित किया गया और हम उन्हें दंडित करेंगे। मतगणना प्रक्रिया शुरू होने से पहले उन्हें हमें बताना चाहिए।”

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिलाधिकारियों या कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं और उन्हें “खुलेआम” डराने-धमकाने में लगे हैं। चुनाव के दौरान जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टर अपने-अपने जिलों के निर्वाचन अधिकारी होते हैं। रमेश ने दावा किया कि शाह पहले ही 150 जिला मजिस्ट्रेट या कलेक्टरों से बात कर चुके हैं।

कुमार ने रविवार को आयोग से मुलाकात करने वाले बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल की सभी मांगों को स्वीकार कर लिया था और कहा था कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे सात दशकों से चली आ रही चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा हैं। कुमार ने कहा, “कुछ मांग बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा की गई थीं। हमनें उनकी सभी मांगें मान लीं।” उन्होंने संकेत दिया कि बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए अधिकांश मुद्दे चुनाव नियमावली का हिस्सा थे।

कुमार ने कहा, “यह प्रक्रिया 70 सालों से चल रही है... हमने हर निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं। ये हमारे आदेश हैं और ये कोई मजाक नहीं है... सभी को हैंडबुक/नियमावली का पालन करने का निर्देश दिया गया है।” कुमार ने स्वीकार किया कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान फैलाए गए शरारतपूर्ण विमर्श का मुकाबला करने में विफल रहा है।

 

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