जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले के बाद छह दिनों में 786 पाकिस्तानी नागरिकों ने अटारी बॉर्डर के जरिए भारत छोड़ा है। इनमें शामिल एक पाकिस्तानी नागरिक ओसामा ने दावा किया है कि वह पिछले 17 वर्षों से भारत में रह रहा था। उसके पास आधार कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी जैसे दस्तावेज हैं।
ओसामा ने कहा, "मैं यहां 17 साल से रह रहा हूं। मैंने यहां 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की है। मैं स्नातक कर रहा हूं और इसके बाद सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। मेरे पास राशन कार्ड है, आधार कार्ड है, और मैंने भारत में वोट भी डाला है।"
ओसामा ने केंद्र सरकार से अपील की कि उन्हें कुछ समय दिया जाए ताकि वह अपने जीवन को व्यवस्थित कर सकें। उन्होंने कहा, "जो पहलगाम में हुआ वह बेहद शर्मनाक है। मैं उसकी निंदा करता हूं। लेकिन मेरी पढ़ाई और भविष्य का क्या? मैं वहां जाकर क्या करूंगा? मेरा सब कुछ यहीं था।"
एएनआई द्वारा जारी वीडियो में ओसामा को अटारी-वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तान लौटते हुए देखा जा सकता है। वीडियो के सामने आने के बाद चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया है कि वे इस मामले में उचित कार्रवाई करें। आयोग ने संबंधित निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
इस बीच एक अन्य मामला उत्तर प्रदेश के बरेली से सामने आया है। जहां पाकिस्तानी नागरिक शुमाइला खान पर फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए शिक्षिका की नौकरी हासिल करने का आरोप लगा है। 43 वर्षीय खान के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी और फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल के आरोप में एफआईआर दर्ज की है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, खान मढ़ौपुर, फतेहगंज पश्चिमी (बरेली) में एक प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थीं और उन्होंने रामपुर से फर्जी निवास प्रमाण पत्र बनवाकर राज्य के बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी पाई थी।
स्थानीय खुफिया इकाई की अक्टूबर 2023 की जांच में यह खुलासा हुआ कि शुमाइला के माता-पिता पाकिस्तानी नागरिक हैं। इसके बाद उन्हें निलंबित किया गया और बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि उनकी वेतन वसूली की प्रक्रिया शुरू की गई है। पुलिस के अनुसार, खान पिछले तीन महीने से फरार हैं।
हाल ही में उन्हें रामपुर में देखा गया था। लेकिन गिरफ्तारी से पहले ही वह फरार हो गईं। अंतिम बार उन्हें राजस्थान के जैसलमेर में देखा गया था।
जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग और स्थानीय पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। पुलिस के अनुसार शुमाइला की मां माहिरा अख्तर को भी 2015 में रामपुर में सरकारी शिक्षक की नौकरी से बर्खास्त किया गया था। माहिरा ने 1979 में एक पाकिस्तानी नागरिक से शादी की थी और 1981 में तलाक के बाद भारत लौटकर दोबारा विवाह किया।
शुमाइला का जन्म माहिरा की पहली शादी से पाकिस्तान में हुआ था। बाद में उन्होंने रामपुर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की और बरेली के मीरगंज से बीएड की डिग्री हासिल की।
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय पर्यटकों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया था।