वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के व्यापार नीति पर स्पष्ट रुख अपनाते हुए कहा है कि भारत व्यापार समझौतों में समयसीमा (डेडलाइन) के साथ बातचीत नहीं करता। उन्होंने यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद दिया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ा है।
गोयल ने कहा, "हम व्यापार समझौतों में समयसीमा के साथ बातचीत नहीं करते। हमारी प्राथमिकता व्यापारिक संबंधों को स्थिर और दीर्घकालिक बनाना है, न कि तात्कालिक लाभ पर ध्यान केंद्रित करना।" उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपनी राष्ट्रीय हितों और व्यापारिक स्वायत्तता से समझौता नहीं करेगा।
ट्रंप प्रशासन ने भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाकर 'मेक अमेरिका ग्रेट अगेन' नीति के तहत अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने का प्रयास किया है। इस कदम से भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों में तनाव बढ़ा है, क्योंकि भारत ने इसे अन्यथा लिया और अपने उत्पादों के लिए अमेरिकी बाजार में समान अवसर की मांग की है।
गोयल ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा व्यापारिक संबंधों में पारदर्शिता और समानता की नीति अपनाई है। उन्होंने यह सुझाव दिया कि दोनों देशों को आपसी समझ और सहयोग के माध्यम से व्यापारिक मुद्दों का समाधान करना चाहिए, न कि एकतरफा निर्णयों से।
भारत ने अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उसने अमेरिकी कार्रवाई को व्यापारिक नियमों का उल्लंघन बताया है। भारत का कहना है कि अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यातकों को नुकसान हो रहा है और यह वैश्विक व्यापार व्यवस्था के लिए हानिकारक है।
इस विवाद के समाधान के लिए दोनों देशों के बीच उच्च-स्तरीय वार्ता की आवश्यकता है, ताकि व्यापारिक संबंधों को सामान्य किया जा सके और दोनों देशों के व्यापारिक हितों की रक्षा की जा सके।
भारत का यह रुख दर्शाता है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए दृढ़ है और किसी भी दबाव के सामने समझौता नहीं करेगा।