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महाकुंभ में पीएम मोदी का स्नान: आध्यात्मिक संदेश या चुनावी रणनीति?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्राओं का व्यापक संदेश होता है। ऐसे में जब बुधवार यानी आज पीएम महाकुंभ...
महाकुंभ में पीएम मोदी का स्नान: आध्यात्मिक संदेश या चुनावी रणनीति?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्राओं का व्यापक संदेश होता है। ऐसे में जब बुधवार यानी आज पीएम महाकुंभ में स्नान किए तब दिल्ली में वोटिंग जारी है। ऐसे में ये सवाल जरूर उठेगा कि पीएम का ये दौरा आध्यात्मिक संदेश देता है या भाजपा का मास्टर-स्ट्रोक है?

पीएम मोदी इससे पहले 2019 में कुंभ के दौरान प्रयागराज पहुंचे थे, जब देश में आम चुनाव होने वाले थे। 24 फरवरी 2019 को अपने ट्रेडमार्क भगवा वस्त्रों में उन्होंने सफाईकर्मियों के पैर धोए थे, जो एक यादगार छवि बन गई थी। उसी वर्ष, जब लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान हो रहा था, मोदी ने केदारनाथ और बद्रीनाथ के दर्शन किए थे और केदारनाथ की एक गुफा में ध्यान भी लगाया था। इसके बाद आए चुनाव परिणामों में बीजेपी ने 302 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी।

इस बार भी बीजेपी को उम्मीद है कि महाकुंभ में मोदी की उपस्थिति से पार्टी को शुभ संकेत मिलेंगे। प्रधानमंत्री सुबह 11 बजे संगम में स्नान करेंगे और मां गंगा की पूजा करेंगे। इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ रहेंगे, जैसे हाल ही में गृह मंत्री अमित शाह, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और भूटान नरेश की महाकुंभ यात्रा के दौरान थे।

दिल्ली में बीजेपी के लिए मुकाबला कठिन है, जहां पार्टी पिछले 27 वर्षों से सत्ता से बाहर है और जहां हिंदुत्व अब तक कोई निर्णायक मुद्दा नहीं रहा है। 

2024 के आम चुनाव प्रचार के बाद भी मोदी ने 30 मई को विवेकानंद रॉक मेमोरियल, कन्याकुमारी में 45 घंटे तक मौन ध्यान किया था, ठीक उस समय जब 1 जून को अंतिम चरण का मतदान होना था। 2018 में भी, जब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के दिन वोट डाले जा रहे थे, तब मोदी नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ और मुक्तिनारायण मंदिरों के दर्शन करने गए थे। उस चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। कांग्रेस ने उस समय इस यात्रा पर आपत्ति जताई थी, जैसे 2019 में केदारनाथ यात्रा को लेकर सवाल उठाए थे। हालांकि, चुनाव आयोग ने मोदी की यात्रा को आचार संहिता का उल्लंघन न मानते हुए हरी झंडी दे दी थी।

बुधवार को प्रधानमंत्री महाकुंभ में केवल कुछ घंटे ही बिताएंगे, लेकिन बीजेपी को उम्मीद है कि इसका असर पूरे दिन बना रहेगा, जब दिल्ली में मतदान हो रहा होगा। विपक्ष इस दौरे पर सवाल उठाने से पीछे नहीं हटेगा।

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