प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई 2025 को घाना की संसद को संबोधित किया। यह 30 साल में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला घाना दौरा था। उन्होंने कहा, “घाना एक ऐसी धरती है जो लोकतंत्र और दृढ़ता की चमक बिखेरती है।” मोदी ने भारत के 1.4 अरब लोगों की शुभकामनाएं घाना को दीं।
मोदी ने कहा, “भारत और घाना की आजादी की लड़ाई में समानता है। दोनों ने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को तोड़ा।” उन्होंने घाना को ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण साझेदार बताया। मोदी ने कहा, “विश्व प्रगति तब तक नहीं कर सकता जब तक ग्लोबल साउथ की आवाज को सुना न जाए।” भारत की G20 अध्यक्षता में अफ्रीकी यूनियन को स्थायी सदस्यता मिलना इसका सबूत है।
मोदी को घाना के सर्वोच्च सम्मान ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार’ से नवाजा गया। उन्होंने इसे भारत-घाना की दोस्ती को समर्पित किया। राष्ट्रपति जॉन ड्रामनी महामा ने उनकी अगवानी की और दोनों देशों ने चार समझौते किए। ये समझौते स्वास्थ्य, कृषि, डिजिटल तकनीक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए थे।
मोदी ने घाना के साथ व्यापार को पांच साल में दोगुना करने का लक्ष्य रखा। उन्होंने कहा, “भारत घाना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलेगा।” घाना के लिए भारत वैक्सीन हब बनाने में मदद करेगा। UPI जैसी डिजिटल तकनीक साझा करने की बात भी हुई। दोनों देश आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाएंगे।
मोदी ने घाना के पहले राष्ट्रपति क्वामे एनकrumah के स्मारक पर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने घाना की 15,000 से ज्यादा भारतीय डायस्पोरा की तारीफ की। लोग “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारे लगाते हुए उनका स्वागत करने पहुंचे।
मोदी ने घाना की लोकतांत्रिक परंपराओं की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारत में 2500 से ज्यादा राजनीतिक दल हैं। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ व्यवस्था नहीं, संस्कार है।” यह दौरा भारत और घाना की दोस्ती को नई ऊंचाइयों पर ले गया।