कैथोलिक चर्च के प्रमुख और दुनिया भर में शांति और करुणा के प्रतीक पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल 2025 को 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। सोमवार को सुबह 7:35 बजे वेटिकन के कासा सांता मार्टा में उनका निधन हो गया। इस खबर ने दुनिया भर के 1.4 अरब कैथोलिक और अन्य धर्मों के अनुयायियों को गहरे शोक में डाल दिया। पोप फ्रांसिस अपनी विनम्रता, गरीबों के प्रति प्रेम और समावेशी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने ने अपने मृत्यु से ठीक एक दिन पहले अपने अनुयाइयों को संदेश दिया। इस संदेश की चर्चा हर जगह हो रही है।
पोप फ्रांसिस का अंतिम संदेश ईस्टर संडे यानी 20 अप्रैल 2025 को सेंट पीटर्स स्क्वायर में दिया गया, जो उनकी मृत्यु से ठीक एक दिन पहले था। व्हीलचेयर पर बैठे हुए, उन्होंने हजारों अनुयायियों को संबोधित किया। इस संबोधन में वैश्विक शांति की अपील की। उनके अंतिम ट्वीट में लिखा था, "मसीह का पुनर्जन्म हुआ है! ये शब्द हमारे अस्तित्व के पूरे अर्थ को बताते हैं, क्योंकि हम मृत्यु के लिए नहीं, बल्कि जीवन के लिए बने हैं। इस संदेश में उन्होंने जीवन, स्वतंत्रता और शांति के महत्व पर जोर दिया।
अपने अंतिम संबोधन में पोप ने गाजा, यूक्रेन, यमन और म्यांमार जैसे संघर्ष क्षेत्रों में युद्ध विराम का आह्वान किया। उन्होंने गाजा के ईसाइयों और वहां की पीड़ित आबादी के लिए विशेष प्रार्थना की, साथ ही इजरायली बंधकों की रिहाई और भुखमरी से जूझ रहे लोगों की मदद करने का आह्वान किया। उन्होंने बढ़ते वैश्विक यहूदी-विरोधी भावना को "चिंताजनक" बताया और समाज से महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और शरणार्थियों के प्रति दया दिखाने का आग्रह किया।
पोप फ्रांसिस ने अपने 12 साल के कार्यकाल के दौरान चर्च को और अधिक समावेशी बनाने की कोशिश की। उन्होंने गरीबों, शरणार्थियों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए अपनी आवाज़ उठाई और जलवायु परिवर्तन और धन असमानता जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की। कार्डिनल केविन फैरेल ने उनके निधन की घोषणा की, जिसके बाद सेंट पीटर्स स्क्वायर में अनुयायी एकत्र हुए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के राजा चार्ल्स जैसे विश्व नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और उनकी करुणा और मानवता की प्रशंसा की।
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर पोप फ्रांसिस के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ने लिखा, "परम पूज्य पोप फ्रांसिस के निधन से मुझे गहरा दुख हुआ है। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। पोप फ्रांसिस को दुनिया भर के लाखों लोग हमेशा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद रखेंगे। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और वंचितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई। मैं उनके साथ अपनी मुलाकातों को याद करता हूँ और समावेशी और सर्वांगीण विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रेरित हुआ। भारत के लोगों के प्रति उनका स्नेह हमेशा संजोया जाएगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।"