चंडीगढ़, पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को महान एथलीट की याद में स्पोर्टस यूनिवर्सिटी, पटियाला में मिलखा सिंह चेयर स्थापित करने का ऐलान किया है जो बीती देर रात कोविड के बाद की समस्याओं के कारण चल बसे थे।
मुख्यमंत्री ने फ्लाइंग सिख के चण्डीगढ़ स्थित आवास पर जाकर प्रसिद्ध खेल शख़्सियत को श्रद्धा के फूल भेंट किये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार यह यकीनी बनाएगी कि मिलखा सिंह की यादें सदा के लिए युवा पीढ़ी को प्रेरित करती रहें।
मुख्यमंत्री जिन्होंने इससे पहले सम्मान के तौर पर पद्मश्री मिलखा सिंह का अंतिम संस्कार सरकारी सम्मान के साथ करने और एक दिन की छुट्टी का ऐलान किया था, ने कहा कि महान भारतीय खिलाड़ी की शानदार विरासत हमेशा ही लोगों के दिलों में बसी रहेगी। उन्होंने कहा कि मिलखा सिंह के चले जाने से समूचे देश को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है और हम सभी के लिए यह बहुत ही दुखद पल हैं।
मिलखा सिंह द्वारा साल 1960 में पाकिस्तानी चैंपियन अब्दुल खालिक को लाहौर में हराने के बाद समकालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू द्वारा राष्ट्रीय छुट्टी घोषित किए जाने को याद करते हुए मुख्यमंत्री ने भावुक होते हुए कहा कि उनकी इच्छा थी वह भी आज राष्ट्रीय छुट्टी का ऐलान कर सकते। उन्होंने कहा कि परन्तु पंजाब में महान हस्ती के चले जाने के शोक में झंडा आधा झुका रहेगा और राज्य में छुट्टी रहेगी।
महान एथलीट के घर के बाहर पत्रकारों के साथ अनौपचारिक बातचीत करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि साल 1960 में लाहौर में जीत हासिल करना मिलखा सिंह के लिए स्मरणीय अवसर था जिन्होंने भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान में अपना परिवार खो दिया था। इस जीत के बाद पाकिस्तान के समकालीन राष्ट्रपति जनरल आयूब ख़ान ने मिलखा सिंह को ‘फ्लाइंग सिख’ का नाम दिया था।