कृषि विधेयकों के विरोध में करीब 20 दिनों से रेलवे ट्रैक्स पर किसानों के धरने-प्रदर्शन के चलते पंजाब में बहुत सी वस्तुओं की किल्लत होने लगी है। वहीं लुधियाना,जालंधर और अमृतसर की औद्योगिक इकाइयों से दूसरे राज्यों को माल की आवाजाही ठप है। सबसे बड़ा संकट राज्य के थर्मल प्लांट्स पर है। मालगाड़ियां न चलने से यहां के थर्मल प्लांट्स में कोयले का संकट हो गया है।
कोयले की किल्लत के चलते यहां के रोपड़ में सरकारी थर्मल प्लांट और राजपुरा स्थित निजी थर्मल प्लांट में अगले तीन चार दिन का कोयला बचा है। ऐसे मंे पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड(पीएसपीसीएल)को पावर ट्रैिडंग एक्सचेंेज से बिजली का जुगाड़ करना पड़ रहा है। बिजली की मांग और उत्पादन में करीब 1000 मेगावाट का अंतर है। मांग और आपूर्ति के अंतर की खाई पाटने के िलए पीएसपीसीएल ने कृषि क्षेत्र को बिजली की आपूर्ति 6 घंटे से घटाकर 2 घंटे करने की तैयारी कर ली हे। धान की कटाई के बाद इन िदनांे दोआबा इलाके में गेहूं, आलू और सब्जियांे की बुआई जारी है। ऐसे में किसानों की परेशानी बढ़ सकती है।
पीएसपीसीएल के चेयरमैन बलदेव सिंह सरां के मुताबिक पावरकॉम के थर्मल प्लांट्स में एक महीने का स्टॉक रहता है और अभी एक हफ्ते का स्टॉक बाकी है। अगले एक हफ्ते में हालात सुधरते ही मालगाड़ियांे की आवा जाही शुरु होने से पावरकॉम कोयले की व्यवस्था कर लेगा। पावरकॉम के एमडी ए वेणुप्रसाद का कहना है कि कोयला की आपूर्ति ठप होने से बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्हांेने कहा कि बाहर से बिजली खरीद की व्यवस्था की गई है। इधर किसान संगठनों का कहना है कि रेलवे ट्रैक्स पर लगे उनके मोर्चें को उखाड़ने के लिए सरकार की यह चाल है कि बिजली उत्पादन के लिए कोयले का संकट बता किसानांे को धरने से उठाया जाए।
भारतीय किसान यूनियन(राजेवाल)के अध्यक्ष बलबीर िसंह राजेवाल का कहना है कि सरकार द्वारा कोयला संकट की बातें किसानों के संघर्ष को तोड़ने की साजिश है। इधर पंजाब पावरकॉम के निदेशक बिजली उत्पादन जितेंद्र गोयल का कहना है कि राज्य में फिलहाल बिजली संकट गहराने के आसार नहीं हैं। थर्मल प्लांट मंे पयार्प्त कोयला स्टॉक है लेकिन इन दिनों की बिजली की घटी मांग के चलते थर्मल प्लांट के कुछ यूनिट बंद किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि निजी थर्मल प्लांट्स मंे कोयले का स्टॉक कम है पर पावरकॉम की उन पर निर्भरता 20 फीसदी है और 80 फीसदी बिजली आपूर्ति सरकारी थर्मल प्लांट्स से हो रही हे।