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हिमाचल: बादल फटने की घटना में मरने वालों की संख्या आठ हुई, लापता 45 लोगों की खोज के लिए अभियान जारी

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए...
हिमाचल: बादल फटने की घटना में मरने वालों की संख्या आठ हुई, लापता 45 लोगों की खोज के लिए अभियान जारी

हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद लापता हुए 45 से अधिक लोगों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान शुक्रवार को भी जारी रहा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

तीन और शव बरामद होने से कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना, मंडी के पधर और शिमला जिले के रामपुर में अचानक आई बाढ़ की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर के साथ शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज का दौरा करके स्थिति का जायजा लिया और पीड़ितों से बात की।

बुधवार रात श्रीखंड महादेव मार्ग के पास बादल फटने से सरपारा, गानवी और कुर्बन नालों में अचानक बाढ़ आ गई, जिसके बाद 30 से अधिक लोग लापता हैं। सुक्खू ने पत्रकारों से कहा कि लापता लोगों में 17-18 महिलाएं और 8-9 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘लोगों को बचाना हमारी पहली प्राथमिकता है।’’

मुख्यमंत्री ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और यह भी कहा कि उन्हें अगले तीन महीनों के लिए किराये के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे, साथ ही रसोई गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाएंगी।

उन्होंने कहा कि बच्चों की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी क्योंकि कई प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

सुक्खू ने कहा कि मानसून का मौसम खत्म होने के बाद आपदा प्रभावित पीड़ितों के लिए राहत पैकेज की घोषणा की जाएगी।

अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि मंडी के राजबन गांव में पांच शव मिले हैं, जबकि कुल्लू के निरमंड में एक शव मिला है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि रामपुर में दो लोगों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए हैं।

राजबन में शुक्रवार को बरामद दो शवों की पहचान अमन (9) और आर्यन (8) के रूप में हुई, जबकि इस स्थान पर पांच लोग अभी भी लापता हैं।

लापता लोगों के संबंधी घटनास्थल पर डेरा डाले हुए हैं। हर बीतते घंटे के साथ उम्मीद धूमिल होती जा रही है।

इस संबंध में एक शोकाकुल महिला ने ‘पीटीआई वीडियो’ से कहा, ‘‘मेरे ससुर और सास का शव मिल गया है, लेकिन मेरे बेटे, मेरे देवर, उनकी पत्नी और उनके छह वर्षीय बेटे तथा दो माह की बेटी का अब भी कुछ पता नहीं चला है।’’

वहीं, एक अन्य ग्रामीण ने कहा कि जब वह चीख-पुकार सुनकर बाहर आया तो उसने देखा कि अचानक आई बाढ़ में मकान बह गए हैं। उसने कहा, ‘‘मौत के डर से हम सब रात भर जगे रहे। हम सुरक्षित रहने के लिए एक पहाड़ पर चढ़ गए थे।’’

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटे में तीन जिलों में 103 मकान पूर्णतः या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा मोटर वाहनों के चलने योग्य छह पुल और 32 पैदल पुल, दुकानें, स्कूल तथा वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस. रवीश ने बताया कि जिले के मणिकर्ण क्षेत्र में मलाना द्वितीय विद्युत परियोजना स्थल पर फंसे 33 लोगों को बृहस्पतिवार की रात और शुक्रवार की सुबह एनडीआरएफ तथा होम गार्ड के दलों ने बचा लिया।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में संसद के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए मंडी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सांसद कंगना रनौत ने बादल फटने की घटनाओं में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया और कहा कि दुर्गम इलाकों में लोगों का जीवन कठिन है तथा हर साल ऐसी आपदाएं उनके दर्द को बढ़ा रहीं हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य को राहत दी जाएगी। मैं हिमाचल प्रदेश के लिए मदद के वास्ते नयी दिल्ली में विभिन्न मंत्रालयों में भी जा रही हूं और जल्द ही राज्य का दौरा करूंगी।’’

अधिकारियों ने बताया कि घटनास्थल पर सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होमगार्ड के जवान बचाव अभियान चला रहे हैं। उन्होंने बताया कि लापता लोगों की खोज के लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आने के चलते शिमला जिले के रामपुर में समेज खुड में जलस्तर बढ़ गया, जिससे दो लोगों की मौत हो गई और लगभग 30 लोग लापता हो गए। उन्होंने कहा कि बृहस्पतिवार को दो लोगों के क्षत-विक्षत शव बरामद किए गए।

राज्य के आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, 27 जून को मॉनसून के आगमन के बाद से एक अगस्त तक वर्षाजनित घटनाओं में 73 लोगों की मौत हो चुकी है और राज्य को 649 करोड़ रुपये का नुकसान भी हुआ है।

इस बीच, मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के दस जिलों में छह अगस्त तक भारी बारिश, गरज और चमक के साथ बारिश का शुक्रवार को ‘येलो’ अलर्ट जारी किया।

विभाग ने साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में भूस्खलन और अचानक बाढ़ आने की आशंका, तेज हवाओं के कारण बागानों और खड़ी फसलों तथा मकानों को नुकसान पहुंचने और निचले इलाकों में जलभराव की आशंका के बारे में भी आगाह किया है।

वहीं, राज्य के कई हिस्सों में हल्की बारिश जारी रही। कसोल में 33 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, जबकि सियोबाग में 19 मिलीमीटर, हमीरपुर में 11 मिलीमीटर, मनाली में 10 मिलीमीटर, नाहन में 7.2 मिलीमीटर, नादौन और बिलासपुर में 7-7 मिलीमीटर, जुब्बड़हट्टी में 6 मिलीमीटर, धर्मशाला, सोलन और केलांग में 3-3 मिलीमीटर तथा मंडी और चंबा में 2-2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। शिमला में हल्की बारिश हुई।

लाहौल एवं स्पीति का कुकुमसेरी रात में सबसे ठंडा रहा, जहां न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि ऊना दिन में सबसे गर्म रहा, जहां अधिकतम तापमान 36.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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