Advertisement

जनजातीय क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रहा है अपोलो टेलीमेडीसन सैंटर, काजा में पहली बार करवाया गया सिजेरियन

बर्फबारी से छह महीने तक ढके रहने वाले जनजातीय क्षेत्र स्पिति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं...
जनजातीय क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रहा है अपोलो टेलीमेडीसन सैंटर, काजा में पहली बार करवाया गया सिजेरियन

बर्फबारी से छह महीने तक ढके रहने वाले जनजातीय क्षेत्र स्पिति के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाने में हिमाचल सरकार और अपोलो के सहयोग से चल रहे टेलीमेडीसन सैंटर काफी मददगार साबित हो रहा है।

हॉल ही में स्पीति के काजा में गर्भवती महिला के प्रसव करवाने में सैंटर ने काफी अहम भूमिका निभाई। 11 अगस्त 2021 को लोसर गांव की रहने वाली 27 वर्षीय तेंजिन लामो प्रसव पीड़ा से कहरा रही थी। उसके परिजन उसे काजा अस्पताल में ले आए। लेकिन रास्ते में पीड़िता से काफी ब्लीडिंग शुरू हो गई। पीड़िता को को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), काजा में भर्ती कराया गया था। इसी दौरान यहां पर मिशन अस्पताल मनाली की ओर से कैंप भी चल रहा था। स्थानीय चिकित्सकों, मिशन अस्पताल और अपोलो टेलीमेडीसन सैंटर ने संयुक्त प्रयास से पीड़िता को सही उपचार मिल पाया। पीड़िता का सिजेरियन काजा में करवाया गया। पहली बार काजा में सिजेरियन हुआ है। असल में काजा में सामान्य प्रसव ही करवाया जाता है। लेकिन अगर उक्त पीड़िता को रैंफर करते तो मां और बच्चें दोनों की जान को खतरा था । बच्चें को छह दिनों तक काजा में अपोलो टेलीमेडीसन सैंटर ने निगरानी में रखा था । 

’डॉ अल्फा खाखर जो की अपोलो हॉस्पिटल्स कार्यरत हैं ने बताया कि टेलीमेडिसिन पर पूरी तरह से जांच की, और पोस्ट-पार्टम हैमरेज के रूप में स्थिति का निदान किया। उसके बाद, हमने सलाह दी रोगी के नैदानिक प्रबंधन के लिए उपचार की रेखा। बच्चे पर जटिलताएं भी दिखाई देने लगी थीं क्योंकि प्रसव समय से पहले था और बच्चा कम शरीर के वजन के साथ पैदा हुआ था। इसके अलावा, जन्म के समय बच्चे का रंग नीला पड़ गया था। बच्चे की स्थिति को स्थिर करने के लिए, कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन(सीपीआर) को 2 मिनट के लिए सलाह दी गई और उसके बाद अन्य आपातकालीन नैदानिक प्रबंधन प्रक्रियाओं की सलाह दी गई।

सीपीआर और आपातकालीन देखभाल के बाद बच्चे को नवजात देखभाल इकाई में स्थानांतरित कर दिया गया। हालांकि, बच्चे को रुक-रुक कर कम रक्त होता रहा। जैसे-जैसे बच्चे की स्थिति बिगड़ती गई तो अपोलो हॉस्पिटल्स’ ने ’वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ, डॉ. लता विश्वनाथन के साथ टेली-परामर्श का आयोजन किया गया। टैलीमेडिसन सैंटर काजा में तैनात स्टाफ नर्स तेंजिन डोल्कर ने कहा कि उक्त पीड़िता और बच्चा छह दिनों तक हमारी निगरानी में रहा। हमारा स्टाफ चौबीस घंटे उसके लिए तैनात था। अब बच्चा काफी स्वस्थ है और मां भी । हमारा सैंटर बेहतरी सुविधा जनजातीय क्षेत्र के लोगों को मुहैया करवा रहा है। बीएमओ तेंजिन नोरबू ने कहा कि 11 अगस्त को गर्भवती महिला को लेकर परिजन अस्पताल जाए थे। लेकिन ब्लीडिंग काफी हो रही थी। ऐसे में मिशन अस्पताल के सहयोग से यहां पर सिजेरियन करना पड़ा। इसके बाद अपोलो टेलीमेडीसन सैंटर की निगरानी में महिला और बच्चा रहे।

 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad