शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने ऐलान किया कि अगर उनकी पार्टी 2027 के विधानसभा चुनाव में पंजाब की सत्ता में वापसी करती है तो वह अन्य राज्यों के साथ नदी जल बंटवारे के सभी समझौते रद्द कर देगी।
बादल ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल वर्ष 2027 में सत्ता में आने के बाद पंजाब की किसी भी सरकार द्वारा किसी भी समय दूसरे राज्यों के साथ नदी जल बंटवारे को लेकर किये गये समझौतों को रद्द कर देगी।’’
उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य, विशेष रूप से राजस्थान का पंजाब के पानी पर कोई हक नहीं है, लेकिन दुर्भाग्यवश वह हमारे कुल पानी का आधे से ज्यादा हिस्सा प्राप्त कर रहा है।
दरअसल, मौजूदा समय में देश में अनेक अंतरराज्यीय जल विवाद चल रहे हैं, उन्हीं में से एक कुछ दशकों पुराना रावी-ब्यास जल विवाद है। यह लगभग आजादी के बाद से ही चला आ रहा है। स्वतंत्रता और 1966 के पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के बीच यह राजस्थान और पंजाब के बीच रहा है। अधिनियम लागू होने के बाद हरियाणा और पंजाब विभाजित हो गए। हरियाणा तीसरा राज्य बन गया, जिसने नदियों के पानी पर भी दावा किया।