अवैध शराब मामले में पंजाब पुलिस ने लुधियाना स्थित पेंट स्टोर के मालिक को गिरफ्तार किया है, जो कथित तौर पर तीन जिलों में 111 व्यक्तियों की मौतें हो जाने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार है।
डीजीपी दिनकर गुप्ता के मुताबिक लुधियाना पेंट स्टोर के मालिक राजीव जोशी को सोमवार की देर शाम काबू कर लिया गया जिसने कबूला है कि उसने मिथेनौल (मिथाइल अल्कोहल) के तीन ड्रम मोगा के रवीन्द्र आनंद के भतीजे प्रभदीप सिंह को सप्लाई किये थे जोकि मिथनौल आधारित नकली शराब बनाने के लिए इस्तेमाल करे जाते हैं। प्रभदीप आगे अवतार सिंह से जुड़ा हुआ था। पुलिस अब जोशी द्वारा दिए गए सुरागों की खोज कर रही है, जो कथित तौर पर पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग स्थानों से विभिन्न किस्मों की शराब और स्प्रिट खरीदता था।
इस दुखांत में जोशी और दो और अहम साजिशकर्ताओं की गिरफ्तारी से, इस मामले में गिरफ्तारियों की संख्या 40 हो गई है जिनमें तरन तारन से 21, अमृतसर-देहाती से 10 और बटाला से 9 हैं। इन गिरफ्तारियों के बाद 31 जुलाई से लेकर अब तक तीन जिलों में 563 छापेमारियों के अंतर्गत इस केस में दर्ज पाँच एफआईआर (एक बटाला में, 2 अमृतसर-ग्रामीण में और 2 तरनतारन में) दर्ज हुई हैं।
डीजीपी ने बताया कि एक फरार दोषी, जिसकी पहचान हाथी गेट, बटाला के धर्मेंद्र के तौर पर हुई है, को बटाला में 13 मौतों के मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था। डीजीपी ने बताया कि उसके पास से 50 लीटर शराब बरामद की गई है।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर के निर्देशों पर अमल करते हुए पंजाब पुलिस ने पिछले 24 घंटों के दौरान अवैध शराब की रोकथाम के विरुद्ध बड़े स्तर पर और कार्यवाही की है जिस दौरान 238 मामलों में 184 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। जिला पुलिस और कमिश्नरेट द्वारा अलग-अलग संदिग्ध स्थानों पर की गई राज्य स्तरीय छापेमारी के दौरान देसी शराब की 8 चालू भट्टियों से कुल 5943 लीटर अवैध शराब, 1332 लाख लीटर शराब और 32470 किलोग्राम लाहन बरामद की गई है। इन छापेमारियों की निगरानी सीनियर अधिकारियों द्वारा की गई जिस दौरान पुलिस ने 184 मुलजिमों को गिरफ्तार किया जोकि अवैध शराब की बिक्री / खरीद / निर्माण में शामिल थे। डीजीपी ने बताया कि अवैध शराब और लाहन खासकर लुधियाना पुलिस कमिश्नरेट अधीन सतलुज नदी के आस-पास और अमृतसर (देहाती), तरनतारन जिले के कुछ इलाकों से-साथ आनंदपुर साहिब और नूरपुर बेदी के इलाकों से बरामद हुई है।
डीजीपी ने बताया कि जोशी और अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी से पुलिस को जहरीली शराब तैयार करने और आगे बेचने में शामिल कुछ अन्य प्रमुख मुलजिमों और मीथेनौल (मिथाइल अल्कोहल) की स्पलाई संबंधी कड़ी ढूँढने में मदद मिली है जिससे कि तरनतारन, अमृतसर और बटाला में यह शराब पीने वालों की मौत हुई है। उसद्वारा रवीन्द्र और अवतार को सप्लाई किये गए तीन ड्रम आगे सतनाम सिंह निवासी गाँव पंडोरी गोला जिला तरनतारन को बेचे गए थे। सतनाम और उसके पारिवारिक सदस्यों ने तीन जिलों के एक दर्जन के करीब वितरकों को मिथेनोल आधारित यह अवैध शराब की स्पलाई की। राजीव जोशी द्वारा सप्लाई किये गए मीथेनौल के संभावित स्रोत के बारे में भी दिल्ली और अन्य स्थानों से पूछताछ की जा रही है।
डी.जी.पी. ने बताया कि सतनाम की गिरफ्तारी से उस केस में शामिल माफिया के तरनतारन मोड्यूल का पर्दाफाश हो गया है और जिले में कम से कम पाँच और संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान कर ली गई है जिनको पकड़ने के लिए छापे मारे जा रहे हैं। बटाला मोड्यूल में से दर्शना और त्रिवेणी की गिरफ्तारी से उस मोड्यूल का भी पर्दाफाश हो गया है जोकि जंडियाला के गोबिन्दर सिंह उर्फ गोबिन्दा के पास से अवैध शराब लेती रही हैं और गोबिन्दा आगे अवैध शराब की सप्लाई इसी कड़ी में सतनाम सिंह को भी करता था। अमृतसर ग्रामीण की मुख्य मुलजिम बलविन्दर कौर पहले ही गिरफ्तार की जा चुकी है जोकि गोबिन्दा से अवैध शराब प्राप्त करती थी।
सतनाम सिंह से मिली जानकारी पर गाँव पंडोरी गोला की एक खाई में से बरामद हुए ड्रमों और 70 लीटर शराब के पैकेटों की रसायनिक जांच आबकारी विभाग के द्वारा करवाई जा रही है। इत्तेफाकन, मीथेनौल या मिथाइल अल्कोहल के जहरीलेपन से भारत में अनेक स्थानों पर जहरीली अवैध शराब पीने के कारण दुखांत घटनाएं घटी हैं जिनमें फरवरी 2020 में असाम में 168 मौतें, उत्तर प्रदेश (97 मौतें) और उत्तराखंड (30 मौतें) शामिल थीं। इसी तरह जून 2015 के दौरान मुम्बई में और अगस्त महीने बिहार में 167 मौतें हुईं। फिलहाल, मीथेनौल बाजार में आसानी से उपलब्ध है और यह बहुत से उद्योगों द्वारा उत्पादों में इस्तेमाल की जाती है जैसे कि वार्निश आदि बनाना शामिल हैं।