प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंजाब दौरे के दौरान हुई 'सुरक्षा में चूक' मामले में पंजाब सरकार ने इसकी गहन जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति गठित करने की घोषणा की। इसके साथ ही पंजाब सरकार ने केंद्र को अपनी प्राइमरी रिपोर्ट भी भेजी है। वहीं, इस मामले को लेकर केंद्रीय जांच टीम ने डीजीपी, आईजी और एसएसपी स्तर के 13 अधिकारियों को तलब किया है। जांच टीम आज फिरोजपुर में बीएसएफ गैस्ट हाउस में रुकी है। इसके साथ ही थाना कुलगढ़ी में 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय जांच टीम ने 13 वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इसके साथ ही 150 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इन लोगों की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक 5 जिलों के एसपी समेत 13 अधिकारी तलब किए गए हैं।
वही, एएनआई के मुताबिक पीएम मोदी के पंजाब दौरे के दौरान सुरक्षा चूक की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल आज तड़के फिरोजपुर पहुंची है। समिति में न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) मेहताब सिंह गिल और प्रमुख सचिव (गृह मामलों) अनुराग वर्मा शामिल होंगे। कमेटी तीन दिन में अपनी रिपोर्ट देगी।
गौरतलब हो कि बुधवार को प्रधानमंत्री का काफ़िला पाकिस्तान बॉर्डर से सटे एक फ्लाईओवर पर 20 मिनट तक रोका गया था। दरअसल, मौसम खराब होने की वजह से प्रधानमंत्री एक रैली को संबोधित करते के लिए सड़क मार्ग से जा रहे थे, जहाँ उन्हें प्रदर्शनकारी किसानों के कथित विरोध का सामना करना पड़ा था।
अब इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा का भी बयान सामने आया है। एसकेएम के अनुसार, "कुछ किसानों को पुलिस ने फिरोजपुर जिला मुख्यालय जाने से रोका तो उन्होंने कई जगह सड़क पर बैठ कर विरोध किया। इनमें वो फ्लाईओवर भी शामिल है, जहां पीएम का काफिला आया, रुका और वापस चला गया। किसानों को इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं थी कि पीएम का काफिला गुजरने वाला है।
दूसरी तरफ पंजाब में भाजपा की पूर्व सहयोगी शिरोमणि अकाली दल की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी नेता प्रकाश सिंह बादल ने कहा कि पहले तो रास्ता जाम नहीं होना चाहिए था.. लेकिन उनके कार्यक्रम में भीड़ नहीं थी। राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह पीएम को सुरक्षा प्रदान करे लेकिन कांग्रेस सरकार पूरी तरह से विफल रही है।