चंडीग़ढ़, शिरोमणी अकाली दल ने बेअदबी मामले में पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल को फंसाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है। अकाली दल ने इस मामले की पूरी जांच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के किसी वर्तमान न्यायाधीश को सौपंने की मांग की।
गुप्त मीटिंग को सार्वजनिक करते हुए वरिष्ठ अकाली नेता महेशइंदर सिंह ग्रेवाल के साथ प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा और डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा 22 अक्टूबर को सुबह साढ़े 11 बजे से डेढ़ बजे के बीच राजभवन एनेक्सी में गुप्त मीटिंग कर इस साजिश को अंजाम देने के लिए जिम्मेदार हैं।
उन्होने बताया कि मीटिंग में डीजीपी आईपीएस सहोता, गृहसचिव अनुराग वर्मा, एडवोकेट जनरल एपीएस देओल, सिट के चेयरमैन एसपीएस परमार, एआईजी आरएस सोहल, एसएसपी मुखविंदर भूल्लर, डीएसपी लखबीर सिंह तथा इंस्पेक्टर दलबीर सिंह ,रिटायर्ड पुलिस अधिकारी- आरएस खटड़ा और सुलेखान सिंह तथा विधायक कुशलदीप ढ़िल्लों तथा कुलबीर जीरा मौजूद थे। महेशइंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि इस मीटिंग का उददेश्य कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक विरोध में खासतौर से बादल परिवार को झूठे मामलों में फंसाकर लोगों का ध्यान भटकार सत्ता विरोधी लहर को बेअसर करना है।
उन्होने कहा कि पूर्व आईजी आर.एस. खटड़ा, को बादल परिवार के खिलाफ झूठे गवाहों के जरिए बयान देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होने कहा कि गृहमंत्री रंधावा द्वारा सेवानिवृृत्त अधिकारी जो उनके बेहद करीबी थे, खटड़ा तथा मुख्यमंत्री के बीच ऐसा करने को सहमत हो गए। ‘‘ खटड़ा को संवैधानिक पद का वादा किया गया है और उनके बेटे का पटियाला यां मालवा क्षेत्र से कांग्रेस का टिकट देने का वादा किया गया है।’’ अकाली नेता ने कहा कि अकाली दल अध्यक्ष के फोन भी टैप करने तक हद पार कर गई है। उन्होने कहा कि आगामी संसदीय सत्र में इस संबंध में विशेषाधिकार प्रस्ताव भी पेश करेंगें।