पंजाब में पराली जलाने का सिलसिला जारी है। इस बीच पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने नई पहल करते हुए धान की पराली न जलाने वालों के लिए बड़ा ऐलान किया है। कुलतार सिंह संधवां ने घोषणा की कि वह अपने विधानसभा क्षेत्र की हर उस ग्राम पंचायत को एक लाख रुपये देंगे जहां किसान पराली जलाना छोड़ देंगे।
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवां ने कहा है कि अगर उनके निर्वाचन क्षेत्र कोटकपूरा के अंतर्गत कोई पंचायत यह प्रमाणित करती है कि उन्होंने पराली नहीं जलाई है, तो मैं उन्हें अपने विवेकाधीन अनुदान से 1 लाख रुपये दूंगा।
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के अनुसार, तरनतारन में 1,034 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। यह आंकड़ा राज्य में सबसे अधिक हैं। इसके बाद अमृतसर में 895 और गुरदासपुर में 324 मामले दर्ज किए गए हैं।
If any panchayat under my Kotkapura constituency certifies that they have not burnt any stubble, then I will give them Rs 1 lakh from my discretionary grant: Kultar Singh Sandhwan, Punjab Legislative Assembly Speaker (23.10) pic.twitter.com/qlgw0y2Kkd
— ANI (@ANI) October 25, 2022
अक्टूबर और नवंबर में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि होती है। इसके पीछे पंजाब और हरियाणा में पराली का अधिक जलाना भी एक वजह है। वहीं दिवाली पर पटाखे के चलने से स्थिति और गंभीर हो जाती है।
बता दें कि पिछले दो वर्षों से अगर तुलना की जाए तो इस साल स्थिति थोड़ा सुधार है। पंजाब में 2020 और 2021 में क्रमश: 22 अक्टूबर तक 10,785 और 5,438 पराली जलाने की घटनाओं को दर्ज किया गया था। 22 अक्टूबर को पंजाब में 582 मामलों को दर्ज किया गया। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक, 2020 और 2021 में इसी दिन 1,341 और 1,111 पराली जलाने की घटनाएं दर्ज की गई थीं।