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कृषि बिल के खिलाफ पंजाब में किसानों ने शुरू किया 'रेल रोको' आंदोलन, कई ट्रेनें रद्द

पंजाब में किसानों ने गुरुवार को तीन कृषि बिलों के विरोध में अपना तीन दिवसीय 'रेल रोको' आंदोलन शुरू...
कृषि बिल के खिलाफ पंजाब में किसानों ने शुरू किया 'रेल रोको' आंदोलन, कई ट्रेनें रद्द

पंजाब में किसानों ने गुरुवार को तीन कृषि बिलों के विरोध में अपना तीन दिवसीय 'रेल रोको' आंदोलन शुरू किया। इसके मद्देनजर फिरोजपुर रेलवे डिवीजन ने विशेष ट्रेनों का परिचालन स्थगित कर दिया है।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि 14 सितंबर से 26 तक 14 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें निलंबित रहेंगी। यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे संपत्ति की सुरक्षा को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

अधिकारियों ने कहा कि जो ट्रेनें निलंबित रहेंगी उनमें स्वर्ण मंदिर मेल (अमृतसर-मुंबई सेंट्रल), जन शताब्दी एक्सप्रेस (हरिद्वार-अमृतसर), नई दिल्ली-जम्मू तवी, करम्भभूमि (अमृतसर-न्यू जलपाईगुड़ी), सचखंड एक्सप्रेस (नांदेड़-अमृतसर) और शहीद एक्सप्रेस (अमृतसर-जयनगर) हैं।

वर्तमान में कोविड-19 महामारी के कारण नियमित यात्री ट्रेन सेवा निलंबित है।

किसान मजदूर संघर्ष समिति द्वारा 'रेल रोको' आंदोलन का आह्वान किया गया और बाद में विभिन्न किसानों के संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया। भारतीय किसान यूनियन (एकता उत्थान) के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह बरनाला और संगरूर में रेल पटरियों पर चक्काजाम कर दिया।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अमृतसर के देवीदसपुर गांव के पास और फिरोजपुर के बस्ती टांका वाले इलाके में रेल पटरियों पर जाम लगाने का फैसला किया है। समिति के प्रतिनिधियों ने कहा कि उन्हें सरकारी कर्मचारियों और मजदूरों सहित कई वर्गों का समर्थन मिल रहा है।

किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों से अपील की है कि वे किसान आंदोलन में हिस्सा न लें।

उन्होंने भाजपा नेताओं का घेराव करने और बिल के पक्ष में मतदान करने वालों का सामाजिक बहिष्कार करने की कसम खाई।

बिल के विरोध में 25 सितंबर को 31 किसानों के संगठनों ने पंजाब के पूर्ण बंद का आह्वान किया है।

पंजाब में किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि बिल न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को समाप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जिससे उन्हें बड़े कॉर्पोरेट्स की "दया" पर निर्भर रहना होगा।

विपक्षी दलों के हंगामे के बीच राज्यसभा ने रविवार को कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता एवं कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दे दी। लोकसभा में इन दोनों विधेयकों को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है।

 

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