बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने रविवार को कहा कि वह केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) सरसों के परीक्षण की अनुमति नहीं देंगे। झलवा के घुंघरू चौराहे के पास किसानों की महापंचायत को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, ''विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जीएम सरसों के ट्रायल को मंजूरी दे दी है। लेकिन हम ट्रायल की अनुमति नहीं देंगे, न उत्तर प्रदेश में और न ही राजस्थान में।"
भारतीय किसान यूनियन के नेता ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि कई देशों के वैज्ञानिकों की आपत्ति के बाद जीएम सरसों को देश में आने दिया जाए।
उन्होंने कहा, "जब पूरी दुनिया में कुछ प्रतिबंधित है, हमारे पास 400 वैज्ञानिकों की रिपोर्ट है, हमारे पास बीटी कपास की खेती के बुरे परिणाम हैं, तो भारत सरकार को जीएम सरसों की खेती की अनुमति देने की क्या आवश्यकता है। क्या देश में सरसों की कमी है।"
टिकैत ने दावा किया कि अगर सरकार किसानों को उनकी उपज का सही मूल्य देती है तो फसलों की कमी नहीं होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि उनका समूह बीज के लिए एक कानून के लिए आंदोलन करना जारी रखेगा, जिसके तहत विदेशी कंपनियों से बीज बोने वाले किसानों को दंडित किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "देश में बीज केंद्र खोले जाएंगे और अवैध रूप से कंपनियों के बीज बोने वाले किसानों पर जुर्माना लगाया जाएगा और दंडित किया जाएगा। इन सभी चीजों के खिलाफ हमारा आंदोलन जारी रहेगा।"