उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या का श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है और हर कोई अयोध्या आना चाहता है। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में अयोध्या में जारी विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”आज पूरी दुनिया अयोध्या की ओर उत्सुकता से देख रही है। हर कोई अयोध्या आना चाहता है। पूरा देश राममय है। यह उत्तर प्रदेश की ‘ग्लोबल ब्रांडिंग’ का अवसर भी है।” उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने वाले अतिथियों तथा उसके बाद पर्यटकों/श्रद्धालुओं के आगमन को सुखद बनाने में राज्य सरकार कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीराम मंदिर ‘राष्ट्र मंदिर’ के रूप में भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और सामाजिक एकता का प्रतीक होगा। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा का यह ऐतिहासिक कार्यक्रम सभी सनातनियों के लिए गौरव का अवसर है और 22 जनवरी को शाम के समय हर देव मंदिर में दीपोत्सव मनाया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर सनातन आस्थावान अपने घरों/प्रतिष्ठानों में राम ज्योति प्रज्वलित कर रामलला का स्वागत करेगा। यह सब अभूतपूर्व है। भावुक करने वाला है।’’
उन्होंने निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं/पर्यटकों के अयोध्या आगमन को प्रयागराज, गोरखपुर, वाराणसी लखनऊ से वॉल्वो बसों और हेलीकॉप्टर सेवा से जोड़ने की व्यवस्था की जाए तथा अयोध्या में तैयार तीनों हेलीपैड का समुचित उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या की सुरक्षा, सुविधा और स्वच्छता के साथ कोई समझौता न किया जाए तथा प्राण प्रतिष्ठा समारोह एवं उसके बाद अयोध्या में सतत रूप से पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 में शुरू की गई सरयू आरती की परंपरा को और व्यवस्थित एवं आकर्षक बनाया जाना चाहिए तथा अयोध्या का एक डिजिटल टूरिस्ट ऐप विकसित किया जाए जिसमें अयोध्या में मौजूद सभी आधारभूत सुविधाओं एवं प्रमुख स्थलों की जानकारी उपलब्ध हो।