रूस ने अमेरिका की उस चेतावनी पर कड़ा जवाब दिया है जिसमें वाशिंगटन ने भारत को रूस के साथ व्यापार सीमित करने को कहा था। रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि किसी भी देश को यह अधिकार नहीं है कि वह दूसरे देशों को उनके व्यापारिक साझेदार चुनने के लिए मजबूर करे। ज़खारोवा ने अमेरिका को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विश्व को 'नियम आधारित व्यवस्था' के नाम पर धमकाने और नियंत्रित करने की यह कोशिश अब पुरानी हो चुकी है और किसी भी संप्रभु देश को इससे डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने साफ किया कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है और वह अपने आर्थिक हितों के अनुसार फैसले लेने के लिए स्वतंत्र है। यह बयान ऐसे समय आया है जब अमेरिका द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद को लेकर भारत पर अप्रत्यक्ष दबाव डाला जा रहा है। रूस ने भारत के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी की सराहना की और कहा कि दोनों देशों के बीच सहयोग केवल व्यापारिक ही नहीं, बल्कि वैश्विक मंचों पर भी मजबूत होता जा रहा है।
गौरतलब है कि भारत ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद रूस से तेल खरीद जारी रखी है, जिससे भारत को सस्ती दरों पर कच्चा तेल मिल रहा है और घरेलू महंगाई पर काबू पाने में मदद मिल रही है। वहीं, पश्चिमी देश इसे रूस को आर्थिक समर्थन मानते हैं। रूस की इस प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि वह भारत के साथ अपने संबंधों को लेकर सजग है और अमेरिका के किसी भी दबाव को स्वीकार नहीं करेगा।