कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने हाल ही में एक इंटरव्यू में भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि युद्धविराम के लिए पाकिस्तान ने सबसे पहले भारत को कॉल किया। आगे उनसे पूछा गया कि क्या यूपीए सरकार ने पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक जैसा कोई हमला किया था, तो उन्होंने कहा कि “हमने हमला नहीं किया, हमने बातचीत की थी – डीजीएमओ स्तर पर।”
यह बयान उस समय आया है जब 2013 में एलओसी पर पाकिस्तान की ओर से भारतीय सैनिकों के सिर काटे जाने की घटना को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खुर्शीद ने कहा कि उस समय हालात बेहद संवेदनशील थे और सरकार ने सख्त कदम उठाए थे, लेकिन सैन्य हमला नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने डीजीएमओ स्तर पर पाकिस्तान से बातचीत की थी, ताकि आगे ऐसी घटनाएं न हों। हमने ठोस विरोध दर्ज कराया था, लेकिन हमने युद्ध या हमले की राह नहीं अपनाई।”
खुर्शीद का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई को लेकर सियासी घमासान छिड़ा हुआ है। बीजेपी अक्सर दावा करती रही है कि मोदी सरकार ने पहली बार 2016 में पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सीमापार कार्रवाई पहले भी होती रही है, लेकिन उसका राजनीतिक लाभ नहीं उठाया गया। सलमान खुर्शीद के इस बयान से इस बहस को और धार मिल गई है।