हापुड़ मॉब लिंचिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मेरठ के आईजी से पूरी घटना की दो सप्ताह में रिपोर्ट तलब की है तथा जुड़े गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। अब मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।
इस हमले में जीवित बचे समीउद्दीन ने याचिका दायर कर हापुड़ घटना की कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल से जांच कराने और आरोपियों की जमानत रद्द करने तथा मामले की सुनवाई उत्तर प्रदेश से बाहर कराने का अनुरोध किया है। कथित रूप से गौ-वध के शक में कुछ लोगों के हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
सीजेआई दीपक मिश्रा, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की पीठ ने पीड़ित समीउद्दीन की वकील वृंदा ग्रोवर की याचिका पर कहा कि इस पर जल्द सुनवाई की जरूरत है क्योंकि उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस घटना को रोड रेज का मामला बताया है जबकि इसमे 45 वर्षीय मांस कारोबारी कासिम कुरैशी मारा गया था।
यह है पूरा मामला
आरोप है कि 64 वर्षीय समीउद्दीन और कासिम कुरैशी की 18 जुलाई को उप्र के हापुड़ में कुछ लोगों समूह ने गौ-वध में शामिल होने के संदेह में कथित रूप से पिटाई की थी। इस पिटाई में दोनों बुरी तरह जख्मी हो गए थे और कुरैशी की बाद में मृत्यु हो गई।
याचिका में समीउद्दीन ने आरोपी युधिष्ठिर सिंह सिसोदिया की जमानत रद्द करने और इस मामले को सुनवाई के लिए उप्र से बाहर स्थानांतरित करने का अनुरोध किया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस ने इस घटना के बारे में हल्की धाराओं के तहत रोड रेज का मामला दर्ज किया है जबकि यह मॉब लिंचिंग का मामला है। इस तर्क के समर्थन में सोशल मीडिया पर सामने आए एक मिनट के वीडियो का भी जिक्र किया गया है।