केरल में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सुप्रीम कोर्ट भी आगे आ गया है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि वह भी केरल बाढ़ राहत कोष में योगदान करेंगे।
चीफ जस्टिस ने दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ की पीठ ने देश की विभिन्न अदालतों में सांसदों और विधायकों के वकालत करने पर प्रतिबंध लगाने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा कि इस कोर्ट के जज भी बाढ़ राहत कोष के लिये योगदान कर रहे हैं। उन्होंने यह टिप्पणी उस समय कि जब अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने केरल में बाढ़ की विभीषिका की वजह से एक करोड़ लोगों के बेघर होने की बात कही। अटॉर्नी जनरल वेणुगोपल ने बाढ़ राहत कोष के लिये एक करोड़ रूपये का योगदान दिया है। इस राहत कोष के लिये अनेक एडवोकेट ने भी योगदान किया है।
केरल इस समय सदी की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के 80 बांधों के दरवाजे खोल दिये गये हैं और नदियां पूरी तरह उफान पर हैं। प्राकृतिक सौन्दर्य, बुनियादी सुविधाओं, फसल और पर्यटन सुविधाओं के लिये मशहूर केरल का बुरा हाल है।
मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने शनिवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि बाढ़ से प्रभावित राज्य के 5,645 राहत शिविरों में 7,24,649 व्यक्ति रह रहे हैं और करीब चार सौ लोगों की जान जा चुकी है। करीब 19,512 करोड रुपये का नुकसान हुआ है। कई राज्य केरल की मदद के लिए आगे आ रहे हैं कई मंत्रियों, विधायकों और सांसदों ने अपनी एक महीने की सैलरी केरल को डोनेट करने का फैसला लिया है। हर कोई हर संभव मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है।