भारतीय शेयर बाजार में मंगलवार, 13 मई 2025 को भारी गिरावट देखी गई। बीएसई सेंसेक्स 900 अंकों से अधिक टूटकर 81,450 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 24,750 से नीचे फिसलकर 24,670 के आसपास कारोबार कर रहा था। इस गिरावट ने निवेशकों को चिंता में डाल दिया है, क्योंकि बाजार ने पिछले सत्र में चार साल की सबसे बड़ी एकदिवसीय तेजी दर्ज की थी। आइए जानते हैं कि बाजार में इस गिरावट के प्रमुख कारण क्या हैं।
वैश्विक संकेतों का असर
वैश्विक बाजारों में मिश्रित रुख और अनिश्चितता ने भारतीय बाजार पर दबाव डाला। अमेरिकी बाजारों में सोमवार को मामूली गिरावट देखी गई, जहां एसएंडपी 500 में 0.5% और नैस्डेक में 1% की कमी आई। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों पर सख्त नीति और डोनाल्ड ट्रम्प की व्यापार नीतियों, विशेष रूप से चीन के खिलाफ टैरिफ की आशंकाओं ने वैश्विक निवेशकों में सतर्कता बढ़ा दी। एशियाई बाजारों में भी जापान का निक्केई 2% और कोरिया का कोस्पी 1.5% नीचे कारोबार कर रहे थे, जिसका असर भारतीय बाजार पर पड़ा।
भारत-पाक तनाव की छाया
हाल ही में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम होने की खबरों ने बाजार को सोमवार को 3.7% की रिकॉर्ड उछाल दी थी। हालांकि, मंगलवार को निवेशकों ने मुनाफावसूली शुरू की, क्योंकि सीमा पर शांति की स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। विश्लेषकों का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता बाजार की अस्थिरता का एक प्रमुख कारण बनी हुई है।
सेक्टर-विशिष्ट दबाव
बाजार की गिरावट में आईटी और वित्तीय शेयरों की बड़ी भूमिका रही। इन्फोसिस, टीसीएस, कोटक महिंद्रा बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे प्रमुख शेयर 2-4% तक गिरे। आईटी सेक्टर पर अमेरिकी मांग में संभावित कमी का दबाव है, क्योंकि वहां आर्थिक मंदी की आशंकाएं बढ़ रही हैं। इसके अलावा, वित्तीय शेयरों पर ब्याज दरों में वृद्धि और ऋण गुणवत्ता को लेकर चिंताओं ने असर डाला। निफ्टी आईटी इंडेक्स 1.8% और निफ्टी बैंक इंडेक्स 1.5% नीचे कारोबार कर रहे थे।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार भारतीय बाजारों में बिकवाली कर रहे हैं। सोमवार को एफआईआई ने 2,500 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की। वैश्विक स्तर पर सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश में निवेशक भारतीय इक्विटी से पूंजी निकाल रहे हैं, जिससे बाजार पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है।
तकनीकी विश्लेषण और भविष्य का रुख
तकनीकी विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी 24,500 के स्तर पर महत्वपूर्ण समर्थन तोड़ चुका है। यदि यह 24,300 से नीचे फिसलता है, तो और गिरावट की आशंका है। दूसरी ओर, 24,900 का स्तर अब प्रतिरोध के रूप में काम कर सकता है। विशेषज्ञ निवेशकों को सलाह दे रहे हैं कि वे दीर्घकालिक दृष्टिकोण अपनाएं और गुणवत्तापूर्ण बड़े शेयरों में निवेश करें।