यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने भाजपा विधायक संगीत सोम के खिलाफ 7 मुकदमे वापस लेने के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चार जिलों के जिलाधिकारियों से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है। संगीत सोम पर फर्जी वीडियो के जरिए मुजफ्फरनगर में दंगे भड़काने के आरोप हैं।
अक्सर विवादों में रहने वालेसंगीत सोम मेरठ में सरधना से भाजपा विधायक हैं। उनके ऊपर चल रहे 7 मुकदमों में 4 मुजफ्फरनगर के हैं। इन पर मुजफ्फरनगर जिला प्रशासन से 13 बिंदुओं पर रिपोर्ट तलब की गई है। इसमें तथाकथित वीडियो वायरल मामला भी है जिसमें पुलिस एफआर लगा चुकी है। वर्ष 2013 में दर्ज 74 केस को वापस लेने की मंजूरी पहले ही सरकार दे चुकी है जिस पर कोर्ट की मोहर लगनी बाकी है।
एसआईटी से मिल चुकी है क्लीन चिट
अप्रैल 2017 में, मुजफ्फरनगर दंगों के मामलों की जांच कर रहे एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फर्जी वीडियो मामले में संगीत सोम को क्लीन चिट दे दी। जांच अधिकारी ने अदालत में दायर एफआर में कहा है कि सरधना विधानसभा क्षेत्र से विधायक संगीत सोम के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
फेसबुक नहीं दे पाया जानकारी
एसआईटी ने केंद्रीय जांच ब्यूरो के माध्यम से 2013 में मुजफ्फरनगर जिले में सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाले वीडियो पर यूएस स्थित फेसबुक, इंक से रिपोर्ट मांगी थी लेकिन फेसबुक जानकारी देने में नाकाम रहा। सोम और वीडियो पंसद करने वाले 200 से अधिक अन्य लोग के खिलाफ 2 सितंबर 2013 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आई टी एक्ट की धारा 66 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
वीडियों में एक युवक की हत्या को दिखाया गया था जिससे मुजफ्फरनगर में सांप्रदायिक दंगों की शुरुआत हुई थी जिसमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 40,000 लोग विस्थापित हुए थे। वीडियो लगभग दो साल पुराना पाया गया और इसे अफगानिस्तान या पाकिस्तान में शूट किया गया था।